क्‍यों कहा गया है राहु-केतु को पापी ग्रह? एक झटके में बनाते हैं अमीर और गरीब
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क्‍यों कहा गया है राहु-केतु को पापी ग्रह? एक झटके में बनाते हैं अमीर और गरीब

Rahu Ketu Grah: कुंडली में राहु-केतु दोष हो तो जीवन तनाव और मुसीबतों से भर जाता है. वहीं राहु केतु एक झटके में जातक को अमीर और गरीब बनाने की ताकत भी रखते हैं.

क्‍यों कहा गया है राहु-केतु को पापी ग्रह? एक झटके में बनाते हैं अमीर और गरीब

Symptoms of bad rahu ketu: धर्म शास्‍त्रों में राहु केतु को पापी ग्रह और छाया ग्रह कहा गया है. चूंकि राहु केतु ग्रह खराब हों तो जातक को बहुत कष्‍ट भुगतना पड़ता है. उसका जीवन तबाह हो जाता है इसलिए इन दोनों को क्रूर ग्रह भी कहा गया है. आज हम जानते हैं कि राहु-केतु को क्‍यों पापी ग्रह और छाया ग्रह कहा गया है. साथ ही खराब राहु केतु को पहचानने के लक्षण क्‍या हैं. 

पापी ग्रह हैं राहु-केतु 

धार्मिक दृष्टिकोण से राहु और केतु को पापी ग्रह माना जाता है. राहु धुएं के समान है जो व्यक्ति के जीवन में भ्रम फैलाने का काम करता है. साथ ही राहु छल करने वाला और बहुत जल्दी रूप बदलने वाला है. यह तेजी से फल देता है और रातों-रात व्यक्ति को अमीर और गरीब बना सकता है. जिन लोगों पर राहु का प्रभाव अधिक होता है, वे ख्याली पुलाव पकाने वाले और दिन में सपने देखने वाले होते हैं. यह जातक को बुरे काम और संगत की ओर ले जाते हैं, जैसे अनैतिक गतिविधियां, जुआ, नशा, आदि राहु के प्रभाव से होती हैं.

इसी तरह केतु को भी ज्योतिष शास्त्र में रहस्यमयी ग्रह माना गया है. केतु राहु की तरह राक्षसी गुण नहीं देता है, बल्कि इसके उलट धार्मिक भावनाएं जगाने वाला है. यदि कुंडली में केतु शुभ हो तो जातक को मोक्ष तक दिला सकता है. साथ ही यह व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म के कर्मों का भी आभास कराता है. लेकिन केतु अनुकूल न हो तो व्यक्ति भ्रामक स्थिति में भी जा सकता है.

राहु केतु को छाया ग्रह क्‍यों कहते हैं?

दरअसल, राहु केतु ग्रह या पिंड नहीं हैं, बल्कि केवल छाया हैं. जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान एक पिंड या ग्रह की छाया दूसरे ग्रह पर पड़ती है तो इसी छाया को राहु और केतु कहा जाता है. वहीं कुंडली में जब राहु या केतु किसी ग्रह के साथ हों तो उस ग्रह पर ग्रहण लग जाता है. 

खराब राहु केतु के लक्षण 

खराब राहु के संकेत: ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार जब राहु खराब हो तो जातक मानस‍िक तनाव का शिकार हो जाता है. इसके अलावा उसे बार-बार धन हानि होती है. कमजोर याददाश्त, चीजें खो जाना, बात-बात पर आपा खोना, कड़वे शब्द बोलना, अनजाना डर सताना, जीवन में शत्रुओं का बढ़ना, मरा हुआ सांप या छिपकली का दिखना, बार-बार मरे हुए पक्षी दिखना भी खराब राहु के लक्षण हैं. अपने आप नाखून टूटना, घर का पालतू जानवर खो जाना या फिर मर जाना, वाहन दुर्घटना, कोर्ट-कचहरी की समस्‍याएं, खुद को लेकर गलतफहमियां होना भी राहु दोष के लक्षण हैं. 

केतु दोष के संकेत: ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार कुंडली में जब केतु ग्रह अशुभ फल देने लगे तो जातक के सिर के बाल झड़ने लगते हैं. उसकी नसें कमजोर होने लगती है. पथरी, जोड़ों में दर्द और चर्म रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं. उसके सुनने की क्षमता कम हो जाती है. संतान उत्पत्ति में रुकावट हो सकती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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