Second Hand Car: बड़ी संख्या में लोग सेकंड हैंड कार (Second Hand Car) को खरीदना समझदारी वाला फैसला मानते हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में उन तीन कारों की लिस्ट जारी की गई है, जो सेकंड हैंड कार मार्केट में सबसे ज्यादा डिमांड में हैं.
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Best Selling Used Car: भारतीय कार बाजार में जितनी बिक्री नई गाड़ी की होती है, उतनी ही खरीदारी पुरानी कारों की भी की जाती है. बड़ी संख्या में लोग सेकंड हैंड कार (Second Hand Car) को खरीदना समझदारी वाला फैसला मानते हैं. सेकंड हैंड कार मार्केट में सबसे ज्यादा डिमांड तीन कारों की है. एचटी ऑटो की रिपोर्ट के मुताबिक, Spinny प्लेटफार्म पर हुंडई क्रेटा, मारुति सुजुकी बलेनो, और रेनॉल्ट क्विड सबसे ज्यादा बिकने वाली यूज्ड कार हैं. बता दें कि इनमें रेनो क्विड सबसे सस्ता ऑप्शन है. नई क्विड की कीमत 4.7 लाख रुपये से शुरू होती है.
इसके अलावा हुंडई Elite i20 और मारुति सियाज को भी काफी खरीदा जा रहा है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सबसे ज्यादा सेकंड हैंड कार को बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में खरीदा जा रहा है. इसके अलावा हुंडई, होंडा और मारुति सुजुकी सबसे ज्यादा विश्वसनीय सेकंड हैंड कार ब्रैंड हैं.
इन कलर को कर रहे सबसे ज्यादा पसंद
स्पिनी ने 2023 की अपनी पहली तिमाही की रिपोर्ट में कहा कि उसके सेकेंड हैंड कार के 65% ग्राहक पहली बार कार खरीदार थे, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 5% की वृद्धि थी. यूज्ड कार मार्केट में जब कलर ऑप्शन की बात आती है, तो सिल्वर सबसे लोकप्रिय विकल्प था. इसके बाद ग्रे और रेड कलर को पसंद किया गया है. दिल्ली एनसीआर में ग्राहकों ने सफेद, सिल्वर और ग्रे यूनिट खरीदना पसंद किया, जबकि मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और चेन्नई में सफेद और ग्रे रंगों के साथ-साथ लाल रंग की खरीदारी की.
हैचबैक पुरानी कारों के खरीदारों के बीच सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. रिपोर्ट से पता चला, खरीदारों के बीच कॉम्पैक्ट एसयूवी और सेडान की मांग बढ़ रही है. स्पिनी द्वारा अपनी तिमाही रिपोर्ट में साझा की गई एक और बात यह है कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच उसके कुल खरीदारों में 36% महिलाएं थीं.
यह भी कहा गया है कि 67% कॉर्पोरेट पेशेवरों ने फाइनेंस ऑप्शन का लाभ उठाकर पुरानी कारों को खरीदा. ऑनलाइन खरीदारी कुल का 71% थी और कुल ऑर्डर का 70% होम डिलीवरी थी. ऑनलाइन खरीदारी बेंगलुरु में सबसे अधिक 75% थी, इसके बाद दिल्ली में 68% और हैदराबाद में 63% थी.