क्या कार के माइलेज को बढ़ा देता है डीकार्बनाइजेशन? आज ही जान लें सच्चाई
Advertisement
trendingNow11862527

क्या कार के माइलेज को बढ़ा देता है डीकार्बनाइजेशन? आज ही जान लें सच्चाई

Car Mileage Booster: यह प्रक्रिया कुछ समय से कार मालिकों के बीच चर्चा का विषय है और इसके बारे में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं जिनमें माइलेज बढ़ना भी एक जरूरी बात है.

क्या कार के माइलेज को बढ़ा देता है डीकार्बनाइजेशन? आज ही जान लें सच्चाई

Mileag Boosting in Car: हर कार मालिक यही चाहता है कि उसकी कार फिट रहे और उसमें किसी तरह की समस्या ना आए. जिस तरह से खाने की फायदेमंद चीजें और कॉस्मेटिक सर्जरी आपको बेहतर स्वास्थ्य देने का दावा करती हैं, उसी प्रकार ऐसे कई प्रोसेस हैं जो आपकी कार के इंजन को फिट रखने का दावा करते हैं और इन्हीं प्रोसेस में से एक है डीकार्बोनाइजेशन जिसे लेकर ज्यादातर कार मालिकों के मन में सवाल रहते हैं. 

इंजन डीकार्बोनाइजेशन आखिर होता क्या है 

अक्सर जब कोई कार की फ्यूल इकोनॉमी या पावर में गिरावट देखता है तो परेशान हो जाता है और उसे मैकेनिक के पास या सर्विस सेंटर ले जाकर चेक करवाता है. हालांकि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, इसी बीच कुछ समय पहले भारतीय मार्केट में इंजन डीकार्बनाइजेशन का प्रोसेस आ गया, जैसा कि नाम से पता चलता है, इंजन डीकार्बनाइजेशन एक रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रिया हो सकती है, जहां इंजन की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए लिए सिलेंडर हेड और पिस्टन पर जमा कार्बन को हटा दिया जाता है. इसमें इंजन के अन्य कार्यशील एलिमेंट्स पर से भी कार्बन को हटाया जाता है. 

डीकार्बनाइजेशन की दो तकनीकें हैं - मैकेनिकल और रासायनिक:

1. मैकेनिकल: इस तकनीक में इंजन को खोला जाता है और जमा कार्बन को ब्लॉक पिस्टन और सिलेंडर हेड से फिजिकली हटा दिया जाता है. एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी मैकेनिक के हाथों में, यह प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम करती है, लेकिन एक कम जानकार व्यक्ति के साथ अपनी कार में इस प्रोसेस को करवाना आपकी अच्छी-खासी चपत लगा सकता है. इसलिए रासायनिक तकनीक की भी जरूरत होती है.

2. रसायन: इस प्रक्रिया में अल्कोहल और टेरपीन का उपयोग किया जाता है जिन्हें पारंपरिक ईंधन सप्लाई में जोड़ा जाता है. ये इंजन के विभिन्न हिस्सों जैसे फ्यूल इंजेक्टर, क्राउन रिंग, पिस्टन आदि में जमे कार्बन को घोलते हैं, इसके बाद कार्बन को निकास के माध्यम से बाहर निकाल दिया जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि इंजन डी-कार्बोनाइजेशन के निम्नलिखित फायदे हैं:

1. यह इंजन को अंदर से साफ करता है

2. यह सभी महत्वपूर्ण एलिमेंट्स को डीकार्बनाइज करता है, O2 सेंसर के साथ-साथ कैटेलिटिक कनवर्टर को भी साफ करता है

3. परफॉर्मेंस को बढ़ाता है

4. इंजन का शोर और वाइब्रेशन कम करता है 

5. माइलेज को बढ़ाता है और पहले से बेहतर करता है 

कितना बढ़ता है माइलेज 

आपको बता दें कि डीकार्बोशनाइजेशन प्रक्रिया के बाद आपकी कर के माइलेज में इजाफा होता है लेकिन आप यह मानकर चल रहे हैं कि आपकी कर का माइलेज सीधा दोगुना हो जाएगा तो ऐसा नहीं है, आपकी कर के माइलेज में 10 परसेंट से लेकर 25 परसेंट तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है लेकिन यह बढ़ोतरी सिर्फ तब होगी तब आपकी कर सालों पुरानी हो जिसमें जरूरत से ज्यादा कार्बन जम गया हो. अगर आपकी कर दो से तीन साल पुरानी है और आप यह प्रक्रिया करवाने जा रहे हैं तो आपको ज्यादा फायदा नजर नहीं आएगा हालांकि इससे इंजन की लाइफ जरूर बूस्ट हो जाती है. यह प्रोसेस सस्ता भी नहीं है, ऐसे में आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है. 

Trending news