वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में पहली बार होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में शुक्रवार को इलेक्ट्रिक व्हीकल का रेट कम करने का फैसला फिलहाल टल गया है.
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में पहली बार होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में शुक्रवार को इलेक्ट्रिक व्हीकल का रेट कम करने का फैसला फिलहाल टल गया है. सूत्रों के अनुसार बैठक में ई व्हीकल को लेकर कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया. ई व्हीकल पर रेट कम करने या अन्य फैसलों को इस कमेटी को भेजा जाएगा. इसके बाद समिति की तरफ से ही कोई निर्णय लिया जाएगा. शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले उम्मीद थी कि ई-व्हीकल के रेट में सरकार की तरफ से कमी की जा सकती है.
जीएसटी दर कम होने की थी उम्मीदब्र
दरअसल प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में उम्मीद थी कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला लिया जाएगा. हाल ही में केंद्र सरकार ने ई-व्हीकल (e-vehicle) को बढ़ावा देने के रजिस्ट्रेशन फीस खत्म करने का फैसला लिया है. यही नहीं अगर आप ई व्हीकल का पंजीकृण दोबारा कर रहे हैं तो भी रजिस्ट्रेशन फीस देने की जरूरत नहीं होगी.
ई-व्हीकल को बढ़ावा देना मकसद
बैटरी ऑपरेटेड वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस को खत्म कर सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है. ऐसे वाहनों पर रजिस्ट्रेशन शुल्क हटाने को लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. नए नियम के अनुसार सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक व्हीकल जेसे दो पहिया, थ्री व्हीलर या फिर चार पहिया इलेक्ट्रिक या बैटरी ऑपरेटेड वाहनों की खरीद पर अब रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी.
ई-व्हीकल को लेकर बड़े लक्ष्य भी तय किए
दरअसल मोदी सरकार के टॉप एजेंडे में देश मे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है. यही वजह है कि सरकार ने ई-व्हीकल को लेकर बड़े लक्ष्य भी तय किए हैं. सरकार ने तय किया है कि देश मे 2023 तक थ्री व्हीलर और 2025 तक दो पहिया वाहनों की बिक्री ई व्हीकल की ही करना चाहती है.
(रिपोर्ट : समीर दीक्षित)