Jammu Kashmir Militancy: भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने इंटरनेशल बॉर्डर पर सारे ब्लैक प्वाइंट्स चारों तरफ से घेर लिए हैं. अब सेना, सुरक्षाबल और जम्मू-कश्मीर की पुलिस मिलकर आतंकियों को मारकर जहन्नुम का टिकट थमा रही है.
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Jammu Kashmir terror attacks: जम्मू में बीते एक महीने से उछलकूद रहे पाकिस्तानी चूहे जिन बिलों से भारत के इलाके में दाखिल हुए, इसका खुलासा हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिले इनपुट और रिसर्च से पता चला है कि पाकिस्तान से आए ट्रेंड टेररिस्ट अब इंटरनेशनल बॉर्डर के सीमावर्ती सांबा और पुरानी घाटी के रास्तों से घुसपैठ कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीते दो महीनों से कश्मीर में आतंकी वारदातें लगभग न के बराबर और जम्मू रीजन में आतंकी हमलों में बहुत तेजी आई है. खासकर जम्मू में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा जिले में 2024 के शुरुआती 7 महीनों में आतंकी घुसपैठ में बढ़ोतरी देखी गई है. प्राकतिक वातावरण और अन्य सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाकर घुसपैठिए आसपास के जिलों में फैल गए हैं.
कौन हैं घुसपैठियों के हमदर्द
अधिकारियों का कहना है कि पुराने आतंकवादी नेटवर्कों के एक बार फिर से एक्टिव होने की वजह से घुसपैठों की वारदातें तेज हो गई हैं. घुसपैठियों के समूह सांबा जिले के उत्तरी इलाके से भारत की सीमा में दाखिल हो चुके हैं . आतंकवादियों की बड़ी खेप आगे आस-पास के कठुआ, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में फैल गए हैं. सेना और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि इन घुसपैठियों को अन्य समूहों द्वारा सहायता दी गई थी, जो पहले ही राजौरी-पुंछ रेंज में नियंत्रण रेखा पार कर चुके थे. राजौरी-पुंछ रेंज के जिस हिस्से से घुसपैठ बढ़ी है, उसे पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण के रूप में भी जाना जाता है.
192 किलोमीटर लंबा रूट
जम्मू और कश्मीर पाकिस्तान के साथ 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और 192 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) साझा करता है. ऐसे में अब इस लंबे रूट पर किलोमीटर में नहीं बल्कि चंद मीटर वाला प्लान बनाया जा रहा है. भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को संदेह है कि वहां मौजूद घुसपैठिए कुछ हाईटेक विदेशी उपकरणों के साथ हाई सिक्योरिटी वाली बाड़ को काटकर घुसपैठ करने में कामयाब रहे होंगे. ये आतंकवादी बहुस्तरीय सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए सुरंग खोदते हैं. सुरंग खोदने के लिए इन्हें खास ट्रेनिंग दी गई है.
'इस रूट से घुसपैठ'
ET की रिपोर्ट के मुताबिक सैन्य अधिकारियों का मानना है कि - 'हमें यह पहचानना होगा कि क्या वे कुछ हाई-टेक विदेशी समर्थन के साथ कुछ नई सुरंगें बनाने में सक्षम हैं. और ऐसा लगता है कि वे (सुरंगें) कुछ मानव रहित क्षेत्रों में या कुछ घरों या इमारतों के अंदर खुल रही हैं, जिनकी अबतक पहचान नहीं हो पाई है. अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने ऐसी कई सुरंगों का पता लगाया था. पिछले तीन महीनों में, अकेले जम्मू संभाग में 15 से ज्यादा आतंकी वारदातें दर्ज हुई हैं. इस दौरान तीर्थयात्री, सेना और सशस्त्र बल के कुछ जवान मारे गए और 55 अन्य घायल हो गए.
आतंकवादी आईबी, सांबा के उत्तर और पुराने कश्मीर मार्गों से पार करते हैं. ऐसे में अब वहीं सबसे ज्यादा फोर्स भेजकर चौकसी बढ़ा दी गई है.