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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने दुनिया को वैकल्पिक ईंधन के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. भारत समेत कई देश बहुत तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं, जबकि जापान जैसे कुछ देशों में हाइड्रोजन (Hydrogen) को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
हाल ही में जापान की वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा (Toyota) की मिराई (Mirai) कार ने हाइड्रोजन फ्यूल पर सबसे लंबी दूरी तय करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है, जिसे बाद में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में भी जगह मिली. इस कार की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि एक बार फ्यूल भरवाने के बाद इसने 1360 किमी का सफर पूरा किया. इस दौरान कुल 5.65 Kg हाइड्रोजन की खपत हुई. इस हिसाब से देखा जाए तो कार ने 260 किमी प्रति किलो का माइलेज दिया.
845 miles, 0 emissions. The 2021 #Mirai has officially set the GUINNESS WORLD RECORDS™ title for longest distance by a hydrogen fuel cell electric vehicle without refueling! https://t.co/3lvZdsOeVL @GWR #NationalHydrogenDay #LetsGoPlaces pic.twitter.com/7eJ8HkgJtQ
— Toyota USA (@Toyota) October 8, 2021
कंपनी के अनुसार, टोयोटा मिराई (Toyota Mirai) को वर्ष 2016 में लांच किया गया था. यह कंपनी की पहली फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कार थी. उत्तरी अमेरिका में यह कार रिटेल सेल के लिए उपलब्ध है. आसान शब्दों में कहें तो हाइड्रोजन फ्यूल का इस्तेमाल लोगों के लिए काफी साबित होने वाला है. हालांकि अभी तक भारत में हाइड्रोजन फ्यूल को विकल्प के रूप में नहीं देखा जा रहा है.
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दरअसल, हाईड्रोजन का प्रोडक्शन काफी महंगा पड़ता है. इसी महंगाई की वजह से इसे एक उचित विकल्प के रूप में नहीं देखा गया. लेकिन नई तकनीक की मदद से हाइड्रोजन उत्पादन की लागत लगातार कम हो रही है. भारत में ही निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम के मालिक मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा था कि अगले एक दशक के भीतर हाइड्रोजन उत्पादन की लागत एक डॉलर प्रति किलो के स्तर पर आ सकती है.
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इलेक्ट्रिक कारों को जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) का विकल्प बताया गया है. लेकिन अभी तक कि जितनी भी इलेक्ट्रिक कारें बनी हैं वो एक बार चार्ज करने के बाद करीब 500 किमी तक की दूरी ही तय करती हैं. इसके बाद ऐसी कारों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था करना सबसे बड़ी बाधा है. दूसरी बाधा इन कारों को चार्ज में करने लगने वाला समय है.
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