Karnavedha Sanskar: पता है क्यों छेदे जाते हैं लड़कों के कान? पौराणिक मान्यताओं में छिपा है इसके पीछे का गहरा राज
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Karnavedha Sanskar: पता है क्यों छेदे जाते हैं लड़कों के कान? पौराणिक मान्यताओं में छिपा है इसके पीछे का गहरा राज

Benefits of Ear Piercing For Male:  हिंदू धर्म में लड़कियां का कान छेदन होता हैं और यह भी सुना होगा कि कुछ लड़कों का भी कर्ण छेदन संस्कार किया जाता है. हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में कर्ण वेध संस्कार एक है. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर लड़कों के दाएं कान छेदे जाते हैं. भगवान राम का भी वैदिक रीति से कर्णभेद संस्कार कराया गया था. 

कर्ण छेदन संस्कार

Benefits of Piercing: आपने देखा होगा कि हिंदू धर्म में लड़कियां का कान छेदन होता हैं और यह भी सुना होगा कि कुछ लड़कों का भी कर्ण छेदन संस्कार किया जाता है. हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में कर्ण वेध संस्कार एक है. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर लड़कों के दाएं कान छेदे जाते हैं. भगवान राम का भी वैदिक रीति से कर्णभेद संस्कार कराया गया था. मान्यता है कि इससे बुरी शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है और व्यक्ति दीर्घायु होता है. आमतौर पर बाल्यावस्था में ही बच्चों का कान छेदन करवा दिया जाता है.  

कर्ण भेदन संस्कार का महत्व  (Importance Of Pirecing)

धार्मिक ग्रंथों में कान छेदन संस्कार का विशेष महत्व बताया गया है. इससे सैंदर्य, बुद्धि और सेहत के लिए खास माना जाता है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि कर्ण छेदन संस्कार से बच्चों की सुनने की क्षमता में वृद्धि होती है. इसके अलावा इसका वैज्ञानिक पहलू भी है, विज्ञान कहता है कि कान छिदने से लकवा जैसी गंभीर बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. दरअसल कान के निचले हिस्से से जुड़े प्वॉइंट मस्तिष्क से जुड़े होता है. इस प्वॉइंट के छिदने परे दिमाग का विकास तेजी से होता है. 

कब करा सकते हैं कर्ण भेदन संस्कार 

- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बच्चे के जन्म के 12वें या 16वें माह के अंदर कान छेदन करवाना चाहिए. 

- कान छेदन के लिए शुभ दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार है, कान छेदन के लिए मंगलवार, शनिवार और रविवार का दिन वर्जित माना गया है. 

- हिंदू पंचाग के अनुसार कर्ण छेदन के लिए चैत्र, कार्तिक, पौष या फाल्गुन माह उचित माना गया है. इसके अलावा आप नवरात्र के किसी भी दिन कर्ण छेदन करा सकते हैं. 

- वैज्ञानिक महत्व से कर्ण छेदन से बच्चों को लकवा, हार्निया जैसी गंभीर बीमारियां नहीं होती है और बच्चों की सुनने की क्षमता तेज होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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