भारतीय रेल को मिलेंगे ABB के ट्रैक्शन उपकरण, दिया 270 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑर्डर
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भारतीय रेल को मिलेंगे ABB के ट्रैक्शन उपकरण, दिया 270 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑर्डर

एबीबी के सीईओ उलरिच स्पीसहोफर ने कहा कि हमें एबीबी के स्थानीय निर्मित समाधानों के साथ भारत के रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण में योगदान करने की खुशी है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: ABB ने भारत में अपना सबसे बड़ा 270 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रैक्शन उपकरण बनाने का ऑर्डर हासिल किया है. इसके तहत ABB डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) को इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में बदलने के लिए अत्याधुनिक कन्वर्टर्स की आपूर्ति करेगा. कन्वर्टर्स मुख्य रूप से भारतीय रेलवे के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और इसे एबीबी के सबसे बड़े कारखानों में से एक बेंगलुरु के नेलमंगला में बनाया जाएगा. एबीबी के ट्रैक्शन संबंधी उपाय नवीनतम तकनीक पर आधारित हैं और यह यात्रियों को अधिक विश्वसनीय ट्रेनों को देने के लिए संकल्पित है. इसके साथ ही स्थायी परिवहन उपयोग के लिए डीजल ट्रेनों को इलेक्ट्रिक ट्रेनों में बदलने का बढ़ावा देता है. इससे रेल ऑपरेटरों को परिचालन में मदद मिलती है.

एबीबी के सीईओ उलरिच स्पीसहोफर ने कहा कि हमें एबीबी के स्थानीय निर्मित समाधानों के साथ भारत के रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण में योगदान करने की खुशी है. उन्नत तकनीकों को अपनाने से, भारत विकास और उत्पादकता में तेजी से सुधार कर रहा है और डिजिटल युग के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को आकार दे रहा है." एबीबी इंडिया के प्रबंध निदेशक संजीव शर्मा ने कहा, "हमें भारत में घरेलू रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण पर डीएलडब्ल्यू और दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है. यह ऑर्डर रेल दक्षता में सुधार करने में मदद करेगा. इससे यात्री समय पर और आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे."

वर्तमान में एबीबी ट्रैक्शन उपकरण यात्री और माल ढुलाई सेवाओं दोनों के लिए भारतीय रेलवे द्वारा संचालित 250 से अधिक इलेक्ट्रिक इंजनों में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. भारत में तीसरे चरण के इलेक्ट्रिक इंजनों के 20 प्रतिशत से अधिक इंजन एबीबी के ट्रैक्शन कन्वर्टर्स से लैस हैं. पिछले साल भारत सरकार ने 2022 तक भारतीय रेलवे को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने की योजना को मंजूरी दी थी.

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