इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी, जिसके तहत 2022 तक सभी लोगों को घर देने का लक्ष्य रखा गया है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मंजूर सस्ते घरों में सिर्फ 39 फीसदी घर अब तक बन पाए हैं. इस बात की जानकारी रविवार को जारी एक रिपोर्ट से मिली. रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएवाई के तहत सस्ते आवासीय परियोजना की रफ्तार सुस्त है. रियल स्टेट परामर्श दात्री कंपनी एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "पीएमएवाई के तहत सस्ती आवासीय परियोजना की प्रगति की रफ्तार सुस्त है. आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पीएमएवाई के तहत मंजूर 79 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 39 फीसदी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है."
रिपोर्ट के अनुसार, देश के सात बड़े शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में पिछले पांच सालों में 64 फीसदी की कमी आई है. वर्ष 2014 में जहां 5.45 लाख आवासीय इकाइयां थीं, वहीं 2018 में 1.95 लाख रह गई हैं. घरों की बिक्री पिछले पांच साल में 28 फीसदी घट गई है. वर्ष 2014 में जहां 3.43 लाख घरों की बिक्री हुई, वहीं पिछले साल 2.48 लाख घर बिके.
पांच साल में घरों की कीमत में मामूली इजाफा, फिर भी 28 प्रतिशत घटी बिक्री
क्या है योजना का मकसद
अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत सरकार का लक्ष्य 2022 तक हर किसी को घर देना है. इसी के तहत 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत करीब 1 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है. योजना के तहत जमीन सरकार की तरफ से भी मिलेगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2018 तक इस योजना के अंतर्गत करीब 47.5 लाख घर स्वीकृत किए जा चुके थे. उस दौरान हर महीने करीब 3 लाख नए घरों की स्वीकृति दी जा रही थी.