Pension For Govt Employees: देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं तो पुरानी पेंशन की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान पुरानी पेंशन पर अपनी बात रखी.
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Pension Scheme News: केंद्रीय कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. कुछ राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग को लेकर पिछले दिनों हड़ताल पर चले गए. सरकारी कर्मचारियों की मांग पर फैसला करते हुए गैर भाजपा शासित राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है. ओपीएस की बहाली के बाद रिटायर्ड कर्मचारियों को आर्थिक फायदा हुआ है. दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियां इसमें अपना राजनीतिक फायदा भी देख रही हैं.
पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा किया था
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को बहाल करने का चुनावी वादा किया था. इसके बाद हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वादा निभाते हुए पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है. अब जब देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं तो पुरानी पेंशन की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह की तरफ से टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में भी पुरानी पेंशन की बहाली पर चर्चा हुई.
पुरानी पेंशन की बहाली बड़ा चुनावी मुद्दा रहा
इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन योजना की बहाली बड़ा चुनावी मुद्दा रहा, यहां भाजपा हार गई. इस पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग की जा रही है. लेकिन हमें इसे बहाल करने से पहले संसाधनों की उपलब्धता और बजटीय दिक्कत को भी देखना होगा. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की तरफ से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर पेंशन के मामले पर फैसला किया जाएगा.
NPS में साल के अंत तक बदलाव संभव
पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार की तरफ से इस साल के अंत तक नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव किया जा सकता है. सरकार यह तय करने की तैयारी कर रही है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके आखिरी दिनों में सैलरी से कम से कम 40 से 45 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिले. इस बारे में एक उच्च स्तरीय पैनल की तरफ से यह सिफारिश की गई है.
इसको लेकर सरकार ने किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस पर फैसला ले सकती है. पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया गया है. मौजूदा समय में लागू मार्केट लिंक्ड पेंशन प्लान को साल 2004 में लॉन्च किया गया था. इसमें कर्मचारियों को मूल वेतन का 10% और सरकार को 14% योगदान देने की जरूरत होती है. जबकि पुरानी पेंशन में कर्मचारी का किसी तरह का योगदान नहीं होता.