Anil Ambani vs Mukesh Ambani: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा ने मुकेश अंबानी को टक्कर देने का प्लान तैयार कर लिया है. रॉयटर्स का दावा है कि छोटे अंबानी ने इसके लिए रिलायंस ईवी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का गठन भी जून में कर लिया है.
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Anil Ambani New Company Plan: अनिल अंबानी और उनका परिवार जी तोड़ मेहनत से अपना पुराना समय वापस पाने के लिए जुटे हुए हैं. कुछ दिन पहले अनिल अंबानी ने इंफ्रा सेक्टर में नई कंपनी की शुरुआत की है. इसके बाद उनके ग्रुप से एक और बड़ी खबर है आ रही है. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) की तरफ से इलेक्ट्रिक कार और बैटरियां मैन्युफैक्चर करने का प्लान किया जा रहा है. इस प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए कंपनी ने बतौर एडवाइजर चीन की कंपनी बीवाईडी के पूर्व इंडिया हेड को नियुक्त किया है. छोटे अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने शुरुआती क्षमता के साथ ईवी प्लांट शुरू करने की लागत और दूसरी चीजों की स्टडी के लिए बाहरी एडवाजर को रखा है.
सालाना ढाई लाख वाहन तैयार करने का प्लान
रॉयटर्स की तरफ से दावा किया गया है कि अभी कंपनी का प्लान सालाना ढाई लाख वाहन तैयार करने का है. लेकिन अगले कुछ सालों में इसे बढ़ाकर साढ़े सात लाख तक करने की तैयारी है. इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कंपनी 10 गीगावाट घंटे (GWH) क्षमता से शुरू होकर अगले 10 साल तक बढ़ने वाले बैटरी प्लांट को तैयार करने पर फोकस करने का प्लान कर रही है. हालांकि, इस बारे में रिलायंस इंफ्रा की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. ऐसा होता है तो अनिल अंबानी एक बार फिर से इंडस्ट्री में मुकेश अंबानी को टक्कर देते नजर आएंगे.
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कंपनी के शेयर में भी आई तेजी
सूत्रों का यह भी कहना है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर चाइनीज कंपनियों के साथ मिलकर काम करने की संभावना तलाश रही है. अनिल अंबानी अपने प्लान को आने वाले कुछ महीनों में पूरा करने की तरफ तेजी से आगे बढ़ सकते हैं. इस खबर के आने से पहले शुक्रवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयर गिरावट देखी जा रही थी. लेकिन बाजार में यह खबर आने के बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयर 2 प्रतिशत तक चढ़ गए. आने वाले समय में कंपनी के शेयर में और तेजी आ सकती है. बीवाईडी के पूर्व एग्जीक्यूटिव छोटे अंबानी के इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोजेक्ट में बतौर एडवाजर शामिल हुए हैं. उन्होंने भी इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मुकेश अंबानी पहले से कर रहे काम
मुकेश अंबानी की कंपनी पहले से ही स्थानीय स्तर पर बैटरी बनाने का काम कर रही है. उनकी कंपनी ने इसी हफ्ते 10 GWh बैटरी सेल उत्पादन के लिए सरकारी प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए एक बोली जीती है. यदि अनिल अंबानी का ग्रुप अपने इस प्लान को आगे बढ़ाने का फैसला करता है तो दोनों भाई फिर से बाजार में आमने-सामने होंगे. ईवी मार्केट अभी छोटा है लेकिन यह तेजी से आगे बढ़ रहा है. रॉयटर्स का दावा है कि जून में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने ऑटोमोबाइल से जुड़ी दो नई पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनियों का भी गठन कर लिया है. इनमें से एक का नाम रिलायंस ईवी (Reliance EV Pvt Ltd.) प्राइवेट लिमिटेड है.
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बिलियन डॉलर से ज्यादा का बजट रखा
आपको बता दें पिछले साल देश में बेची गई 42 लाख कारों में से इलेक्ट्रिक व्हीकल का हिस्सा 2% से भी कम था. लेकिन सरकार का लक्ष्य 2030 तक बढ़ाकर इसे 30% करना है. स्थानीय स्तर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल और उनके पार्ट तैयार करने वाली कंपनियों के लिए प्रोत्साहन में 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का बजट रखा गया है. देश में बैटरी निर्माण अभी शुरू नहीं किया गया है. लेकिन एक्साइड और अमारा राजा जैसे निर्माताओं ने लिथियम-आयन बैटरी सेल बनाने के लिए चाइनीज कंपनियों के साथ करार किया है.
कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे दोनों बेटे
अनिल अंबानी की गाड़ी बेपटरी होने के बाद पिछले एक साल से उन्हें अपने बेटों और परिवार का पूरा साथ मिल रहा है. पहले खबर आई कि बेटे जय अनमोल अंबानी ने बिजनेस की नेटवर्थ 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंचा दी. इस बिजनेस को उन्होंने अपने दम पर खड़ा किया है. इसके बाद खबर आई कि उन्होंने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की नई सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस जय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (RJPPL) को शुरू किया है. अब उनके नये ईवी प्रोजेक्ट को लेकर खबर आ रही है. इसमें भी उनके दोनों बेटे पिता का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं.