इस वक्त कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. लॉकडाउन को फिलहाल चार हफ्ते हो चुके हैं और इसके अभी और आगे बढ़ने की संभावना है.
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नई दिल्लीः इस वक्त कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. लॉकडाउन को फिलहाल चार हफ्ते हो चुके हैं और इसके अभी और आगे बढ़ने की संभावना है, जहां पर फिलहाल कोरोना के हॉटस्पॉट और रेड जोन हैं. लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी काफी असर देखने को मिला है. लोगों की सैलरी में कटौती हो रही है. लोग अभी अपनी जमा-पूंजी से काम चला रहे है. ऐसे में आप पर्सनल लोन लेने के गोल्ड लोन लेने के बारे में सोच सकते हैं.
देना पड़ता है कम ब्याज
गोल्ड लोन लेने वाले लोगों कम ब्याज देना पड़ता है. गोल्ड काफी सालों से लोगों को आकर्षित करता रहा है. प्रत्येक व्यक्ति के घर में सोने के गहने या फिर शुद्ध सोना रहता है. ऐसे में घर में पड़े सोने का आप इस मुश्किल वक्त में इस्तेमाल कर सकते हैं. गोल्ड लेने वाले शख्स को काफी कम पेपरवर्क करना पड़ता है. इस लोन को लेने वाले शख्स की बैंक या फिर अन्य कर्ज देने वाली कंपनियां सिबिल स्कोर अथवा आय का स्त्रोत भी नहीं पूछते हैं. हालांकि लोगों को यह लोन लेने में भी काफी सर्तक रहना चाहिए.
सोने की शुद्धता के हिसाब से मिलता है लोन
गोल्ड लोन लेने वाले व्यक्ति को उसके पास रखे सोने की शुद्धता को परखने के बाद मिलता है. आमतौर पर 18 से 24 कैरेट वाले सोने पर अच्छी खासी रकम मिलती है. आपको यह लोन किसी भी बैंक या फिर एनबीएफसी कंपनी से मिल जाएगा. जहां बैंकों में पेपरवर्क ज्यादा होगा, वहीं एनबीएफसी कंपनियां ज्यादा ब्याज चार्ज करेंगी.
रिपेमेंट ऑप्शन का रखना होगा ध्यान
लोन लेने के बाद आपको रिपेमेंट ऑप्शन पर ध्यान रखना होगा. आप ईएमआई के अलावा बुलेट पेमेंट भी कर सकते हैं. इसमें बैंक या एनबीएफसी एक बार में ही सारा ब्याज लोन की राशि में से काट लेते हैं.