दिवाली पर आप भी ले रहे 'नो-कॉस्ट-EMI' पर सामान, बैंक करते हैं ये खेल... देना पड़ सकता है ज्यादा पैसा!
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दिवाली पर आप भी ले रहे 'नो-कॉस्ट-EMI' पर सामान, बैंक करते हैं ये खेल... देना पड़ सकता है ज्यादा पैसा!

No Cost EMI Shopping: आजकल ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन शॉपिंग पर भी ग्राहकों को नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन मिल जाता है. अगर आप भी इस दिवाली कोई भी सामान No Cost EMI पर लेने का प्लान बना रहे हैं तो उससे पहले इसके फंडे को अच्छे से समझ लें... 

दिवाली पर आप भी ले रहे 'नो-कॉस्ट-EMI' पर सामान, बैंक करते हैं ये खेल... देना पड़ सकता है ज्यादा पैसा!

No Cost EMI Shopping: त्योहारी सीजन शुरू हो गया है... दिवाली आने में कुछ दिन बचे हैं. ज्यादातर लोग दिवाली पर अपने घरों में नया सामान लाते हैं. नए-नए इलेक्ट्रिक और अन्य कई प्रोडक्ट्स खरीदते हैं. ऐसे में शॉपिंग करते समय लोग No Cost EMI वाले ऑप्शन को सलेक्ट कर लेते हैं. आजकल ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन शॉपिंग पर भी ग्राहकों को नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन मिल जाता है. अगर आप भी इस दिवाली कोई भी सामान No Cost EMI पर लेने का प्लान बना रहे हैं तो उससे पहले इसके फंडे को अच्छे से समझ लें... क्या सच में आपको बिना ब्याज दिए सामान मिल जाता है. 

बता दें नो कॉस्ट ईएमआई कोई फ्री की सर्विस नहीं है. कई बैंक इसमें भी खेल करके ग्राहकों से ब्याज का पैसा वसूल कर लेते हैं. इसके अलावा कई बार no cost emi के तहत बेचे जा रहे सामान की कीमत बढ़ा दी जाती है. आइए आपको बताते हैं कि इस बार दिवाली पर शॉपिंग करने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना है.

क्या है नो-कॉस्ट EMI?

No Cost EMI के बारे में तो आप लोगों ने काफी सुना ही होगा. इसका मतलब होता है कि आपको एक्स्ट्रा ब्याज या फीस का पेमेंट नहीं करना होगा. आपको किसी भी प्रोडक्ट की असल कीमत का ही पेमेंट करना होगा. आप प्रोडक्ट की कीमत का पेमेंट अलग-अलग किस्तों में कर सकते हैं. इसमें प्रोडक्ट की असल कीमत को ही EMI में बांटा जाता है. 

नो-कॉस्ट-ईएमआई में मिलती हैं कई सुविधाएं

कई बैंक ग्राहकों को अलग-अलग ऑप्शन में नो-कॉस्ट-ईएमआई की सुविधा देते हैं. कुछ बैंक ग्राहकों को जीरो-डाउन पेमेंट की सुविधा भी देते हैं. इस सुविधा में आपको किसी भी राशि का शुरुआत में पेमेंट नहीं करना होता है. बल्कि आप मंथली किस्त में पेमेंट को चेंज करा सकते हैं. वहीं, कुछ प्रोडक्ट में आपको डाउन पेमेंट के रूप में मिनिमम राशि देनी होती है. 

कई बैंक नो-कॉस्ट-ईएमआई के नाम पर वसूलते हैं प्रोसेसिंग फीस

कई बैंक ग्राहकों से नो-कॉस्ट-ईएमआई में प्रोसेसिंग फीस भी लेते हैं. इसके अलावा बैंक ब्याज की राशि को प्रोसेसिंग फीस में जोड़ देते हैं और उसकी वसूली ग्राहकों से करते हैं. 

No-Cost-EMI चुनने से पहले ध्यान रखें ये बातें-

>> नो-कॉस्ट ईएमआई का फायाद लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए. 
>> EMI कितने समय के लिए बनानी है? यह सोच-समझ कर तय करना चाहिए.
>> लंबी अवधि में आपको मंथली EMI कम देनी होती है.
>> हर महीने अपनी ईएमआई का भुगतान समय पर करें. 
>> देर से भुगतान करने पर जुर्माना या ब्याज लग सकता है. 

उदाहरण से समझे - 
अगर आप अमेजन पर सेल में 30,000 रुपये का स्मार्टफोन खरीदते हैं. इसके लिए आप 3 महीने की EMI को सलेक्ट करते हैं, जहां पर आपको 15 फीसदी ब्याज देना है. तो आपको ब्याज की राशि के रूप में 4500 रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, अगर आप पूरी राशि पहले चुका देते हैं तो आप 30,000 वाले फोन को 25500 में खरीद सकते हैं. वहीं, नो-कॉस्ट EMI चुनने पर आपको पूरे 30,000 रुपये का पेमेंट करना होगा. 

RBI क्या कहता है No-Cost-EMI पर

रिजर्व बैंक की तरफ से साल 2013 में No-Cost-EMI को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था. इस सर्कुलर में बताया गया था कि जीरो फीसदी ब्याज या फिर नो-कॉस्ट ईएमआई जैसी कोई भी चीज नहीं है. 

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