Bank Deposit: बैंक में पैसा जमा करने वालों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. देखिए इसके क्या फायदे होंगे
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नई दिल्ली: Bank Deposit: बैंक में पैसा रखने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है. अगर बैंक डूबा तो उसके ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक की रकम 90 दिन के अंदर मिल जाएगी. इस सुविधा के दायरे में वो बैंक भी आएंगे जिन पर रिजर्व बैंक ने कोई प्रतिबंध या मोराटोरियम लगाया हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बैंक ग्राहकों हित में ये फैसला लिया गया है.
कैबिनेट ने इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इसके तहत किसी बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर उसमें जमा डिपॉजिटर की 5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित होती है, हालांकि जमा रकम इससे ज्यादा भी हो सकती है. पहले ये लिमिट सिर्फ 1 लाख रुपये हुआ करती थी, जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था.
#Cabinet clears Deposit Insurance & Credit Guarantee Corporation Bill 2021
It insures bank deposits such as savings, FDs, current or recurring deposits. It also covers commercial, public, private sector banks & branches of foreign bank in Indiahttps://t.co/wZ5R8mZjnb
— PIB India (@PIB_India) July 28, 2021
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कैबिनेट में हुए फैसलों के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि DICGC बिल 2021 के अंतर्गत 98.3 परसेंट डिपॉजिट कवर होंगे. डिपॉजिट वैल्यू में 50.9 परसेंट डिपॉजिट कवर होगा. ग्लोबल डिपॉजिट वैल्यू सभी डिपॉजिट अकाउंट्स पर 80 परसेंट हैं, जोकि डिपॉजिट वैल्यू का केवल 20 से 30 परसेंट कवर करते हैं. DICGC एक्ट के तहत डिपॉजिट इंश्योरेंस के दायरे में सभी कमर्शियल, विदेशी, छोटे, ग्रामीण और कॉर्पोरेशन बैंक आते हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि मुश्किल में फंसे बैंक के मामले में पहले 45 दिनों के अंदर उन सभी खातों की जानकारी जुटाई जाएगी, जिनके लिए दावे किए गए हैं और इसे DICGC को सौंपा जाएगा. DICGC इन खातों की जांच करेगा और फिर अगले 45 दिनों के भीतर ही डिपॉजिटर्स को 5 लाख रुपये तक लौटा दिए जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि DICGC एक्ट में संशोधन का बिल चालू मॉनसून सत्र में ही लाया जा सकता है. पिछले साल PMC बैंक, YES बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक के RBI मॉरेटोरियम के दायरे में आने के बाद डिपॉजिटर्स को अपने पैसे वापस पाने में भारी दिक्कत झेलनी पड़ी. इसे देखते हुए सरकार ने पिछले साल एक बड़ा फैसला करते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी.
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