सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में यह निर्णय लिया गया है.
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नई दिल्ली: अगर आपको सार्वजनिक बैंकों में कोई काम है तो, यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल, कुछ बैंकिंग संगठनों ने मंगलवार (8 जनवरी) और बुधवार (9 जनवरी) को सार्वजनिक हड़ताल का आह्वान किया है. बता दें कि इससे पहले विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की यूनियन ने बीते माह 26 दिसंबर को भी हड़ताल की थी. बताया जा रहा है कि सार्वजनिक बैंकों के लाखों की संख्या में कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने की संभावना है.
खबर है कि सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में यह निर्णय लिया गया है. बताया जा रहा है कि ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एम्पलॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) ने 8 और 9 जनवरी के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बारे में घोषणा की है. एआईबीईए और बीईएफआई के हड़ताल के कारण कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं एवं कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है.
वहीं, हरियाणा के लाखों कर्मचारी केंद्र और राज्य सरकार की कर्मचारी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 8 और 9 जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होंगे. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने शनिवार को बिजली निगम के डिवीजन कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दावा किया कि हड़ताल में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, पालिकाओं, परिषदों, सहकारी समितियों, पंचायत समितियों, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्यरत नियमित व अनियमित कर्मचारी शामिल होंगे.
उन्होंने बताया कि सरकार ने अगर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया और विधानसभा में रेगुलराइजेशन बिल पारित कर अनियमित कर्मचारियों को पक्का करने सहित चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों पर अमल नहीं किया तो चुनाव में भाजपा को कर्मचारियों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा.
(इनपुट भाषा से भी)