Budget 2021: निर्मला सीतारमण के सामने हैं ये 5 बड़ी चुनौतियां, क्या मुश्किलों से उबार पाएगी सरकार?
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Budget 2021: निर्मला सीतारमण के सामने हैं ये 5 बड़ी चुनौतियां, क्या मुश्किलों से उबार पाएगी सरकार?

Big Challenges for Finance Minister Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी और इस पर पूरे देश की नजरें हैं. इस बजट को बनाते हुए वित्त मंत्री और उनकी टीम के आगे क्या क्या चुनौतियां रही होंगी आइए जानते हैं...

निर्मला सीतारमण. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कोरोना काल में वैक्सीन (Corona Vaccine) के बाद अब देश को बजट (Budget 2021) का इंतजार है. वो बजट जो देश की तरक्की का रास्ता तैयार करेगा, जो कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को लगे झटके से उबारेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सोमवार (1 फरवरी) सुबह 11 बजे 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगी और इस पर पूरे देश की नजरें हैं.

  1. निर्मला सीतारमण 11 बजे बजट पेश करेंगी
  2. बजट पर पूरे देश की नजरें हैं
  3. आम लोगों को बजट से बड़ी आस है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने क्या-क्या चुनौतियां

इस बार बजट (Budget 2021) में नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में थोड़ी और राहत चाहिए तो किसानों को बजट से बड़ी आस है. उद्योग जगत (Industry) ये सोच रहा है कि कैसे बाजार की रौनक लौटे ताकि कारोबार को रफ्तार मिले. तो इस बजट को बनाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और उनकी टीम के आगे क्या-क्या चुनौतियां रही होंगी आइए जानते हैं...

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चुनौती नंबर 1

आर्थिक सुस्ती : हालांकि देश अब तेजी से कोरोना की मुसीबत से पार पाने लगा है. अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौटने लगी है और आर्थिक सर्वे में वित्तीय वर्ष 2021-22  में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है. ऐसे में बजट के जरिए कैसे ये विकास दर हासिल होगी इसकी बड़ी चुनौती है, हालांकि आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम इशारा दे चुके हैं कि इस बार के बजट में जोश और होश दोनों का बेजोड़ मेल होने जा रहा है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, 'सोमवार का इंतजार कीजिए. पुजारा और पंत दोनों एक्शन में होंगे.'

चुनौती नंबर 2

बेरोजगारी : रोजगार को लेकर मोदी सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है और कोरोना के दौर में कई लोग बेरोजगार होने को मजबूर हो गए. इसलिए इस बार ये वित्त मंत्री के लिए इससे निपटना दोहरी चुनौती है. हालात बेशक अब सुधरने लगे हैं, लेकिन कोविड काल में धराशायी उद्योगों को बजट से खासी आस है. साथ ही साथ वित्त मंत्री को आत्मनिर्भर भारत के लिए लघु और मध्यम उद्योग को रफ्तार देने के प्रावधान भी करने होंगे.

चुनौती नंबर 3

5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि साल 2024 में देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाए और कोरोना महामारी ने इस लक्ष्य को मुश्किल बना दिया है. तो देखना होगा इसे हासिल करने की दिशा में क्या ऐलान होगा.

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चुनौती नंबर 4

नौकरीपेशा लोगों को टैक्स से राहत: नौकरीपेशा यही चाहता है कि सरकार बजट में टैक्स का बोझ कुछ कम करे, लेकिन सरकार के लिए मुश्किल ये है कि जहां उसे आम आदमी को राहत देनी है वहीं दूसरी ओर टैक्स कलेक्शन बढ़ाकर अर्थव्यवस्था रफ्तार देने के उपाय भी करने हैं. तो देखना होगा कि वित्त मंत्री ये तालमेल किस तरह बिठाती हैं.

चुनौती नंबर 5

किसानों की आय दोगुनी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और सपना है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए. सरकार नए कृषि कानूनों को इस दिशा में बड़ा और प्रभावी कदम मान रही है, लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 68 दिनों से किसान इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसलिए इस बार के बजट में किसानों के लिए होने वाले ऐलान पर सबकी नजर है, क्योंकि ये घोषणा जहां किसानों की नाराजगी दूर कर सकती है, वहीं दूसरी ओर किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार होगी.

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