Nirmala Sitharaman: सूत्रों का दावा है कि फरवरी में पेश होने वाले बजट में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले 'कैपिटल गेन टैक्स' में बदलाव की तैयारी है.
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Capital Gain Tax: वित्त मंत्री साल 2023 के लिए बजट 1 फरवरी 2023 को पेश करेंगी. इस बार के बजट से नौकरीपेशा से लेकर किसानों को तक को बड़ी उम्मीदें हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस बार सरकार टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का दावा है कि फरवरी में पेश होने वाले बजट में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले 'कैपिटल गेन टैक्स' में बदलाव की तैयारी है. टैक्स की अलग-अलग दरों और संपत्ति रखने की अवधि में अंतर को दूर करने के लिए यह फैसला किया जा सकता है.
कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव की संभावना
नए वित्तीय वर्ष में पूंजी लाभ कर में बदलाव की भी संभावना जताई जा रही है. आपको बता दें आयकर अधिनियम के तहत पूंजीगत संपत्तियों (चल और अचल दोनों) की बिक्री से होने वाला फायदा टैक्स की कैटेगरी में आता है. फिलहाल एक साल या इससे कम समय तक शेयर या संपत्ति रखने पर होने वाले फायदे पर 10 प्रतिशत टैक्स देय होता है. इसी तरह दो से तीन साल शेयर या संपत्ति रखने पर होने वाला लाभ पर टैक्स 10 से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाता है.
6.85 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल
फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए अब तक 6.85 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं. यह आंकड़ा 31 दिसंबर तक बढ़ सकता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. व्यक्तिगत श्रेणी में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी, जबकि कॉरपोरेट और अन्य लोगों के लिए, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत है, यह तारीख सात नवंबर 2022 थी.
कैपिटल गेन टैक्स क्या है?
'कैपिटल गेन टैक्स' को सरकार किसी संपत्ति पर होने वाले फायदे पर वसूल करती है. आमतौर पर प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर होने वाले फायदे पर टैक्स देय होता है. उदाहरण के लिए यदि आपने कोई मकान 10 लाख का लिया है और उसे आपने एक साल बाद 12 लाख का बेच दिया तो मुनाफे के दो लाख पर आपको 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा.