भत्तों पर 7वें वेतन आयोग की 34 सिफ़ारिशों को केंद्र की मंजूरी, 48 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा
Advertisement

भत्तों पर 7वें वेतन आयोग की 34 सिफ़ारिशों को केंद्र की मंजूरी, 48 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा

एक्स, वाई एवं जेड शहरों के लिए एचआरए 5400, 3600 एवं 1800 रुपये से कम नहीं होगा, 18000 रुपये के न्यूनतम वेतन के 30, 20 एवं 10 फीसदी की दर से इसकी गणना की जाएगी, इससे 7.5 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे.

सरकार ने विशिष्ट कार्यरत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 12 भत्तों को समाप्त न करने का निर्णय लिया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भत्तों पर दी गई 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 34 संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया है, जिसे लागू करने पर कुल 30,748.23 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार (7 जुलाई) को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, "संबंधित मंत्रालयों को अब यह सलाह दी गई है कि वे अपने मंत्रालय से संबंधित भत्तों पर अपने आदेश को तत्काल जारी करें, ताकि भत्तों की संशोधित दरों को सरकारी कर्मचारियों के चालू माह के वेतन बिलों में समाहित किया जा सके." इस कदम से 48 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा. यह अधिसूचना भारत सरकार के गजट में गुरुवार (6 जुलाई) को प्रकाशित की गई और यह 1 जुलाई से लागू होगा.

सरकार ने विशिष्ट कार्यरत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 12 भत्तों को समाप्त न करने का निर्णय लिया है. कई भत्तों के विशिष्ट स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विलय किये जाने वाले 37 भत्तों में से 3 भत्तों की अलग पहचान आगे भी बनी रहेगी. आवास किराया भत्ता (एचआरए) का भुगतान क्रमश: एक्स, वाई एवं जेड शहरों के लिए 24, 16 और 8 फीसदी की दर से किया जाएगा.

एक्स, वाई एवं जेड शहरों के लिए एचआरए 5400, 3600 एवं 1800 रुपये से कम नहीं होगा, 18000 रुपये के न्यूनतम वेतन के 30, 20 एवं 10 फीसदी की दर से इसकी गणना की जाएगी, इससे 7.5 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे. 7वें वेतन आयोग ने डीए के 50 एवं 100 फीसदी के स्तर पर पहुंचने की स्थिति में एचआरए में संशोधन की सिफारिश की थी, हालांकि सरकार ने डीए के क्रमश: 25 एवं 50 फीसदी से ज्यादा होने की स्थिति में दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया है.

अत्यंत जोखिम एवं कठिनाई को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सियाचिन भत्ते की दरों को 14000 रुपये प्रति माह (सैनिकों के लिए) से बढ़ाकर 30000 रुपये और 21000 रुपये प्रति माह (अधिकारियों के लिए) से बढ़ाकर 42500 रुपये कर दिया गया है. सरकार ने रखरखाव के साथ-साथ साफ-सफाई की निहायत जरूरत को ध्यान में रखते हुए नर्सों को हर महीने ड्रेस भत्ता देने का निर्णय लिया है. विशेष संरक्षण समूह के लिए ड्रेस भत्ते की ऊंची दर को सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

Trending news