आयकर विभाग (Income tax Department) ने पहचान रहित कर रिटर्न आकलन के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की भूमिका के बंटवारे या सीमांकन को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र (National E-Assessment Center) करदाताओं से संपर्क का मुख्य ‘गेटवे’ होगा.
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नई दिल्लीः आयकर विभाग (Income tax Department) ने पहचान रहित कर रिटर्न आकलन के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की भूमिका के बंटवारे या सीमांकन को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र (National E-Assessment Center) करदाताओं से संपर्क का मुख्य ‘गेटवे’ होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने 20 शहरों में फेसलेस आकलन (Faceless Assessment Scheme) योजना के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली में एनईएसी और विभिन्न क्षेत्रीय ई-आकलन केंद्रों (आरईएसी) को अधिसूचित किया है. सीबीडीटी ने योजना के क्रियान्वयन के विस्तृत दिशानिर्देशों में कहा, 'एनईएसी/आरईएसी फेसबुक आकलन प्रक्रिया (Faceless Tax Scheme) का प्रबंधन करेंगे.'
इसमें कहा गया है कि सभी कामकाज इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाएगा, जिसके लिए एनईएसी गेटवे होगा. सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है, 'आरईएसी के अधिकारी और कर्मचारी आयकर कानून के तहत आकलन और सत्यापन का काम करेंगे, लेकिन विभाग द्वारा करदाताओं/तीसरे पक्ष से संपर्क का काम सिर्फ एनईएसी के नाम पर किया जा सकेगा. इस बारे में आरईएसी किसी तरह का संपर्क का काम नहीं करेंगे.'
जांच निदेशालय के पास होगा हर तरह के शुल्क के सर्व का अधिकार
दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि आयकर कानून के तहत सर्वे का अधिकार अब केवल जांच निदेशालय (Directorate of inquiry) के पास होगा. सीबीडीटी ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कराधान शुल्क या किसी अन्य तरह के शुल्क के लिए सर्वे का काम जांच निदेशालय के साथ मिलकर किया जाएगा.'नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि विस्तृत दिशानिर्देशों में एनईएसी, आरईएसी और अन्य फील्ड क्षेत्रों की भूमिका और जिम्मेदारियों का स्पष्ट बंटवारा किया गया है.
क्या है फेसलेस टेक्स स्कीम
पीएम मोदी ने गुरुवार (13 अगस्त) को टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करते हुए Faceless Assessment Scheme की घोषणा की है. यह नई योजना 25 सितंबर, 2020 से लागू हो जाएगी. अभी तक शहर का आयकर विभाग ही छानबीन कर सकता था लेकिन अब किसी भी राज्य या शहर का अधिकारी जांच कर सकता है. नई स्कीम के बाद अब कंप्यूटर तय करेगा कि कौन सा टैक्स असेसमेंट कौन करेगा. यह भी कंप्यूटर ही रिव्यू तय करेगा. इससे उन लोगों को दिक्कत होगी जो गलत तरीके अपनाते हैं या टैक्स नहीं भरते. (भाषा के इनपुट)