केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा कि उनके विभाग में अब कोई भी चीनी सामान नहीं आएगा और इस संबंध में सर्कुलर (circular) जारी कर दिया गया है. इसके अलावा विदेशी वस्तुओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मानकों पर भी परखा जाएगा.
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नई दिल्ली: भारत- चीन सीमा विवाद का मामला अब मैदानी इलाकों तक पहुंच चुका है. भारत सरकार ने सख्ती दिखाना शुरू किया और अब कई मंत्रालयों ने भी चीनी सामान का बहिष्कार शुरू कर दिया है. ताजा मामला केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्रालय का है. मंत्रालय में अब सभी चीनी सामान को बैन करने का फैसला किया है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा कि उनके विभाग में अब कोई भी चीनी सामान नहीं आएगा और इस संबंध में सर्कुलर (circular) जारी कर दिया गया है. इसके अलावा विदेशी वस्तुओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मानकों पर भी परखा जाएगा.
केंद्रीय खाद्य मंत्री के इस फैसले के बाद मंत्रालय और मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विभागों व संगठनों में जो भी खरीद होगी उनमें चीनी उत्पाद शामिल नहीं होंगे. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (CWC) जैसे संगठन भी आते हैं.
मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया है कि चीन में बनी कोई भी वस्तु जीईएम पोर्टल (GeM Portal) या कहीं और से नहीं खरीदी जाएगी. कंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेशी वस्तुओं को मानकों पर परखने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं. ये नियम न सिर्फ चीन बल्कि विदेशों से आने सभी वस्तुओं पर लागू होंगे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह विदेशों में भारतीय वस्तुओं को मानकों पर परखा जाता है उसी तरह यहां भी विदेशी वस्तुओं को मानकों पर परखा जाएगा.
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बताते चलें कि चीन से सीमा विवाद बढ़ने के बाद कई सरकारी विभागों ने चीनी कंपनियों के साथ करार तोड़ दिए हैं. इनमें भारतीय रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय और बीएसएनएल. चीनी कंपनियों को सरकार के सख्त रवैये से करोड़ो डॉलर का नुकसान होगा.