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China real estate crisis:चीन का रियल एस्टेट संकट किसी से छिपा नहीं है. चीन की इकोनॉमी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी करीब एक चौथाई है, लेकिन कोविड के बाद से ही ये सेक्टर मुश्किलों में है. चीन की गिरती अर्थव्यवस्था के पीछे खस्ताहाल रियल एस्टेट का बड़ा हाथ है. ऐसे में चीन की सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को संकट से निकालने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इसी कोशिश के तहत चीन ने कहा कि वो संकटग्रस्ट रियल एस्टेट कंपनियों के लिक्विडिटी संकट को कम करने के लिए बैंकों के वाणिज्यिक संपत्ति ऋण के उपयोग को बढ़ाने का फैसला किया है.
चीन ने रियल एस्टेट डेवलपर्स की कॉर्मिशियल लोन तक पहुंच बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. चीन की सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में लंबे समय से चल रहे संकट को समाप्त करने की कोशिश कर रही है. नए नियम के तहत बैंक रियल एस्टेट डेवलपर्स को कॉमर्शियल प्रॉपर्टी लोन दे सकेंगे. ये लोन उन डेवलपर्स को मिलेगा, जो सफलता के साथ कॉमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे होटल, शॉपिंग मॉल चला रहे हैं. वो इनपर लोन लेकर अपने बकाया को चुका सकेंगे. वर्तमान में इस लोन का इस्तेमाल केवल उसी प्रॉपर्टी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसपर उन्होंने कर्ज उठाया है या फिर उस लोन को चुकाने के लिए, जो उन्होंने उस प्रॉपर्टी को पूरा करने के लिए लिया था. लेकिन
अब इसमें बदलाव की तैयारी की जा रही है. नए नियम के मुताबिक रियल एस्टेट कंपनियों को अपने दूसरे कर्ज और बांड को चुकाने और अपने खर्चों के लिए ऑफिस और शॉपिग मॉल जैसे कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर बैंक लोन लेने की अनुमति मिल जाएगी. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना, राष्ट्रीय वित्तीय नियामक प्रशासन और वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार देर रात घोषणा की गई. चीन ने खराब वित्तीय बाजारों को स्थिर करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.