वर्तमान में मोदी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी की समस्या है. चीन भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करना चाहता है.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नजदीक आ गया है. राजनीतिक खेमाबंदी के बीच मोदी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी की समस्या है. विपक्षी रोजगार के मुद्दे पर लगातार हमला बोल रही है. ऐसे में चीन की तरफ से मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर आ रही है. चाइनीज मीडिया ग्लोबल टाइम्स के हवाले से कहा गया है कि चीन मोदी सरकार की परेशानियों को सुलझाना चाहता है. वह चाहता है कि मोदी सरकार मजबूत स्थिति में बनी रहे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के रिश्ते बिगड़ गए थे. उस घटना के एक साल बाद फिर से दोनों देश के रिश्तों में गर्माहट आने लगी है. चीन को उम्मीद है कि अगर भारत की सरकार मजबूत स्थिति में होगी तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे. इसलिए, चीन बड़े स्तर पर भारत में निवेश करना चाहता है.मोदी सरकार निवेश के लिए भरपूर कोशिश कर रही है. क्योंकि, बेरोजगारी को हटाना है तो हर हाल में निवेश को लाना होगा. खासकर लेबर इंटेसिव सेक्टर में निवेश की जरूरत है.
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पिछले कुछ सालों से चीन का दूसरे देशों में निवेश बढ़ा है, क्योंकि यहां लेबर कॉस्ट महंगा हो गया है. ऐसे में अगर भारत चीन के निवेश को अपने यहां लाने में कामयाब हो जाता है तो दोनों देशों का फायदा होगा.
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किसी भी हाल में चुनाव से पहले मोदी सरकार को बेरोजगारी की समस्या का हल निकालना होगा. ऐसे में वह चीन के निवेशकों को अपने यहां आकर्षित कर सकता है. अगर, चीन यहां निवेश करना शुरू करता है तो रोजगार के अवसर पैदा होंगे और सरकार की बहुत बड़ी परेशानी का हल निकल जाएगा.