प्राइवेट ट्रेनों में यात्रियों को एयरलाइंस की तरह पसंदीदा सीटों के लिए भुगतान करना पड़ सकता है.
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नई दिल्ली: रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने प्राइवेट प्लेयर ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है. प्राइवेट प्लेयर ट्रेन (Private player Train) में कई विशेषताएं होंगी. जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट ट्रेनों में यात्रियों को एयरलाइंस की तरह पसंदीदा सीटों के लिए भुगतान करना पड़ सकता है. न केवल पसंदीदा सीटें, यात्री ऑन-बोर्ड सेवाओं में किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए भुगतान करना पड़ सकता है. जिसमें वाई-फाई, ऑन बोर्ड एंटरटेनमेंट और कुछ अन्य सुविधाएं शामिल हो सकती हैं. हालांकि इन सेवाओं के लिए शुल्क लगाने का निर्णय निजी कंपनियों के हाथों में होगा.
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रेलवे ने प्राइवेट कंपनियों को ट्रेनों के किराए को तय करने की स्वतंत्रता दी है . इसके साथ ही निजी खिलाड़ियों को भी राजस्व के लिए नए रास्ते बनाने या नए क्षेत्रों का पता लगाने की भी छूट होगी. रेलवे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनियों द्वारा अर्जित सकल राजस्व का एक निश्चित हिस्सा रेलवे के साथ भी साझा किया जाना है.
रेलवे ने अप्रैल 2023 तक पहली प्राइवेट प्लेयर ट्रेन संचालित करने का लक्ष्य रखा है. रेल मंत्रालय ने 21 जुलाई को परियोजना के लिए पहली पूर्व बोली बैठक बुलाई है. कई बड़े नामों ने पहले ही रेलवे मेगा प्रोजेक्ट के लिए गहरी दिलचस्पी दिखाई है.
कंपनियों के लिए रेलवे की ओर से तय की गई शर्तों के अलावा, निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा. कंपनी के खराब प्रदर्शन के लिए भी जुर्माना देना होगा. निजी कंपनियों के पास रेलवे के मानकों का अनुपालन करते हुए अपनी पसंद के स्रोत से रेलगाड़ियों और इंजनों को खरीदने का विकल्प होगा.
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