Hindenburg Report: कांग्रेस जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए 'मोदानी जादू' (Modani magic) में एक प्राइवेट पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी पर अमीर बनने का आरोप लगाया है.
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Hindenburg vs Adani Saga: हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच को लेकर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस ने कहा है कि देश की नियामक प्रणाली में भ्रष्टाचार, एकाधिकार और स्पष्ट खामियों को पूरी तरह से उजागर करने के लिए JPC की तत्काल जरूरत है.
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए 'मोदानी जादू' (Modani magic) में एक प्राइवेट पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी पर अमीर बनने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने अडानी ग्रुप पर लगाया गंभीर आरोप
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस नेता ने लिखा, "मोदानी के जादू से एक और निजी पावर इन्फ्रा फर्म के भाग्य बदलने और उसके अमीर बनने की यात्रा. डायमंड पावर इंफ्रा लिमिटेड को 2018 में दिवालियापन कोर्ट में घसीटा गया था. 2022 तक गौतम अडानी के बहनोई ने ऋण दाता को 501 करोड़ रुपए का भुगतान करने की क़ीमत पर, इस 1000 करोड़ रुपए की बाज़ार पूंजी वाली कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया. 2022 में फर्म का कारोबार शून्य था, लेकिन 2023-24 तक इसकी आय 344.1 करोड़ रुपए है, जो मुख्यतः अडानी ग्रुप के व्यवसायों द्वारा दिए गए ऑर्डर से है. अडानी के बिजनेस के बदौलत डायमंड पावर इंफ्रा लिमिटेड का मूल्य अब 7,626 करोड़ रुपए है - मूल्यांकन में सात गुना वृद्धि.
बहनोई के स्वामित्व वाली कंपनी के साथ लेनदेन संबंधित-पार्टी सौदों की श्रेणी में नहीं आते हैं - इसलिए अडानी ग्रुप की 10 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां और डायमंड पावर की वार्षिक रिपोर्ट उनके मालिकों के बीच पारिवारिक संबंधों का खुलासा नहीं करती हैं. यह हमारे नियामक ढांचे में एक बड़ी खामी है - ठीक उसी तरह जैसे भारत के वित्तीय बाजार नियामक SEBI की ईमानदारी और स्वतंत्रता भी गंभीर सवालों के घेरे में है.
मोदानी महाघोटाले में एक JPC का गठन हर गुजरते दिन के साथ और अधिक आवश्यक होता जा रहा है, ताकि व्यापक रूप से फैले भ्रष्टाचार, एकाधिकार और देश के नियामक में जो खामियां हैं उनका पता लगाया जा सके.
मोदानी के जादू से एक और निजी पावर इन्फ्रा फर्म के भाग्य बदलने और उसके अमीर बनने की यात्रा।
डायमंड पावर इंफ्रा लिमिटेड को 2018 में दिवालियापन कोर्ट में घसीटा गया था। 2022 तक, गौतम अडानी के बहनोई ने ऋण दाता को 501 करोड़ रुपए का भुगतान करने की क़ीमत पर, इस 1000 करोड़ रुपए की…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 11, 2024
SEBI चीफ पर आरोपों की बौछार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आगे लिखा है कि मॉरीशस स्थित दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs), जो मोदानी महाघोटाले में हो रहे खुलासे का हिस्सा हैं, ने अब प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर आगामी 9 सितंबर की डेडलाइन से पहले SEBI के नए फॉरेन इन्वेस्टर्स नॉर्म्स का पालन करने से तत्काल राहत की मांग की है.
उन्होंने आगे लिखा कि मूल तथ्य यह है कि इन उल्लंघनों की SEBI जांच, जिसे दो महीने में पूरा किया जाना था और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया जाना था, 18 महीने बाद भी धीमी पड़ी हुई है. SEBI को अपने अध्यक्ष के हितों के कई टकरावों के अलावा कई और मुद्दों पर स्पष्टीकरण देना है जो लगातार सामने आ रहे हैं.