कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में शुमार सऊदी अरब ने भी देश में कई वस्तुओं के करों में तीन गुना की वृद्धि कर दी है.
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दुबईः कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरी दुनिया के कई देशों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. फिलहाल कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में शुमार सऊदी अरब ने भी देश में कई वस्तुओं के करों में तीन गुना की वृद्धि कर दी है. इसके साथ कई प्रमुख प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जारी की गई राशि में 26 अरब डॉलर की कटौती का फैसला भी किया है.
इसलिए लिया है ये फैसला
सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कच्चे तेल पर टिकी है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है, जिससे उसकी कमाई को काफी धक्का लगा है. इसके अलावा इस साल हज भी नहीं हुआ, जिसमें पूरी दुनिया से करोड़ों मुस्लिम श्रद्धालु पवित्र शहरों मक्का व मदीना में आते थे. हज के चलते भी सऊदी अरब को काफी कमाई होती थी.
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मार्च से लगातार गिर रही हैं कीमतें
गल्फ देशों की मुख्य कमाई तेल के उत्खनन से ही होती है. हालांकि इस बार कोरोना वायरस के चलते कच्चे तेल की कीमतों में लगातार कमी हो रही थी. इसके अलावा अप्रैल में इसकी कीमत शून्य से भी नीचे चली गई थी. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि सऊदी अरब के पड़ोसी देश भी अपने यहां कई वस्तुओं पर टैक्स में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
खाड़ी देशों में आ सकती है मंदी
अंतरर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी आशंका जताई है कि इस साल छह तेल उत्पादक खाड़ी देशों में मंदी आ सकती है. सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल जादान ने कहा कि इस वक्त पूरा विश्व एक ऐसी दिक्कत से जूझ रहा है, जो उसने पहले नहीं देखी है. हमने जो उपाय किए हैं, वो लोगों के लिए तो कठिन हैं, लेकिन इससे देश की गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने में एक सहारा मिलेगा. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आय में 22 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. तेल से होने वाली आय में भी 24 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. फिलहाल घाटा नौ अरब डॉलर तक पहुंच गया है. बजट घाटे को कम करने के लिए देश ने अपनी विदेश में स्थित संपत्तियों को बेचकर 26.8 अरब डॉलर अर्जित किए हैं. मूडीज रेटिंग एजेंसी का आकलन है कि देश का विदेशी मुद्रा रिजर्व 2021 तक घटकर 375 अरब डॉलर के नीचे चला जाएगा. 2019 में यह 488 अरब डॉलर था.
लॉकडाउन, कर्फ्यू के बाद भी 39 हजार केस
फिलहाल सऊदी अरब में 39 हजार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 246 लोगों की मौत हो गई है. सऊदी अरब ने भी मस्जिदों को बंद करने के साथ ही देश भर में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगा रखा है. इसके साथ ही सरकार ने लोगों को 2018 से मिलने वाले कॉस्ट ऑफ लिविंग बोनस को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया है.