Petrol Diesel Price: महंगे पेट्रोल-डीजल पर राजनीतिक पार्टियों की बयानबाजी से अभी आम लोगों को कोई राहत नहीं मिली है. अबतक रेवेन्यू घटने के डर से पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने से बच रही राज्य सरकारें, खुद इसकी मांग कर रही हैं, लेकिन इसके लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है.
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नई दिल्ली: Petrol Diesel Price under GST: पेट्रोल-डीजल के दाम भले ही 12 दिनों से चुप्पी साध के बैठे हों, लेकिन इसकी भारी कीमत रोजाना आम आदमी को चुकानी पड़ रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister), RBI गवर्नर शक्तिकांता दास से लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तक, सभी तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जता चुके हैं, लेकिन ठोस कुछ भी नहीं हुआ.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये सुझाव भी दे चुकी हैं कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाना चाहिए और इसे लेकर GST काउंसिल में चर्चा होनी चाहिए, जहां केंद्र और सभी राज्यों के नुमाइंदे मौजूद हों. इस बीच खबर ये है कि दिल्ली और मुंबई इस बात को लेकर राजी हो चुके हैं कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाना चाहिए. ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि जो राज्य रेवेन्यू में घाटे का हवाला देकर अबतक इस कदम से बच रहे थे, अब आगे आकर खुद इसे लागू करने की बात कर रहे हैं.
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दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Home Minister Satyendar Jain) ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की अपनी मांग रख चुके हैं. दरअसल, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बहस के दौरान कहा कि अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाए तो कीमतें 25 रुपये तक कम हो जाएंगी. इस पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि आप एक प्रतिनिधि मंडल लेकर केंद्र सरकार से मुलाकात करें, हमारे सभी विधायक आपके साथ चलेंगे. दिल्ली के साथ साथ पूरे देश को इस कदम से फायदा पहुंचेगा. इसके पहले चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार के ऊंचे VAT की वजह से दिल्ली में पेट्रोल और डीजल महंगा है.
दिल्ली के साथ साथ महाराष्ट्र ने भी पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग कर डाली है. महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने कहा कि अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है तो राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र को भी फायदा पहुंचेगा. उन्होंने भरोसा दिया कि अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है तो महाराष्ट्र सरकार इस फैसले का सपोर्ट करेगी.
मजेदार बात ये है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल को लेकर सिर्फ बयानबाजी ही कर रही हैं, किसी ने कोई आधिकारिक प्रस्ताव अबतक नहीं दिया है. राज्य सभा में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि इस तरह का कोई प्रस्ताव अबतक सरकार के पास नहीं आया है. उन्होंने बताया कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST काउंसिल की प्रस्ताव जरूरी है, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ है.
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