ज्यादा ट्रैफिक चालान कटे तो महंगा कर दीजिए गाड़ी का बीमा, वित्त मंत्री को दिल्ली के एलजी का सुझाव
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ज्यादा ट्रैफिक चालान कटे तो महंगा कर दीजिए गाड़ी का बीमा, वित्त मंत्री को दिल्ली के एलजी का सुझाव

VK Saxena Letter To Nirmala Sitharaman: द‍िल्‍ली के उपराज्‍यपाल वीके सक्‍सेना ने व‍ित्‍त मंत्री को सुझाव द‍िया है क‍ि गाड़‍ियों के चालान को उनके इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम से जोड़ा जाना चाह‍िए. क‍िसी कार के ज‍ितने ज्‍यादा चालान उसका इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम उतना ही महंगा होना चाह‍िए.

ज्यादा ट्रैफिक चालान कटे तो महंगा कर दीजिए गाड़ी का बीमा, वित्त मंत्री को दिल्ली के एलजी का सुझाव

Insurance Premium Link With Challans: कुछ कार चालक बार-बार ट्रैफ‍िक रूल्‍स का उल्‍लंघन करते हैं. वैसे तो यातायात संबंधी न‍ियम तोड़ने पर चालान क‍िये जाने का न‍ियम है. लेक‍िन अब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर ऐसा सुझाव द‍िया है, ज‍िससे ट्रैफ‍िक रूल्‍स तोड़े जाने के मामलों में कमी आ सकती है. उपराज्‍यपाल ने कहा कि गाड़ियों के इंश्‍योरेंस प्रीमियम को गाड़ियों के खिलाफ दर्ज हुए ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामलों से जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने अपने लेटर में कहा क‍ि इससे सड़कों पर सुरक्षा बढ़ेगी और लोग गाड़ी चलाते समय नियमों का पालन करेंगे.

रोड सेफ्टी और ट्रैफिक से जुड़े न‍ियमों का पालन बढ़ेगा

सक्सेना ने लिखा, 'मैं देश में रोड सेफ्टी और व्‍हीकल इंश्‍योरेंस से जुड़े अहम मामले पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं.' उन्होंने सुझाव दिया है कि गाड़ियों के इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम का पैसा गाड़ी के खिलाफ दर्ज हुए ट्रैफिक रूल्‍स तोड़ने के मामलों के आधार पर तय होना चाहिए. इससे रोड सेफ्टी और ट्रैफिक से जुड़े न‍ियमों का पालन बढ़ेगा. सक्सेना ने कहा जिस व्‍हीकल का बार-बार तेज रफ्तार, रेड लाइट जंप करने और खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने से जुड़े चालान किया गए हैं, उससे हायर इंश्‍योरेंस प्रीमियम का ल‍िया जाना चाह‍िए.

2022 में 4.37 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए
उपराज्यपाल ने पिछले हफ्ते ल‍िखे गए लेटर में कहा क‍ि ऐसा करने से लोग बेहतर तरीके से व्‍हीकल ड्राइव करने के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित होंगे. म‍िन‍िस्‍ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (MoRTH) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में 4 लाख 37 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए. इनमें से करीब 1.55 लाख लोगों की मौत हो गई. सक्सेना ने बताया क‍ि इनमें करीब 70% हादसे बहुत तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने के कारण हुए. रेड लाइट जंप पर भी काफी लोगों की मौत हुई.

ज्यादातर मामले तेज गाड़ी चलाने और रेड लाइट जंप करने से हुए
वर्ल्‍ड बैंक के एनाल‍िस‍िस के अनुसार ऐसी गाड़‍ियां ज‍िनके खिलाफ ज्यादा बार ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामले दर्ज हैं, उनसे दुर्घटना होने का खतरा 40% ज्यादा है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से 2023 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में हुई 60% सड़क हादसों में शामिल गाड़ियों पर पहले भी ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए जुर्माना लगाया गया था. ज्यादातर मामले बहुत तेज गाड़ी चलाने और रेड लाइट जंप करने से जुड़े थे.

ज्यादा ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का इंश्‍योरेंस महंगा हो
सक्सेना ने कहा बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले गाड़ियों से हादसा होने का खतरा ज्यादा रहता है. उन्होंने कहा सरकार को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए, जिसमें गाड़ियों के इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम का पैसा उनकी तरफ से तोड़े गए ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामलों के आधार पर तय किया जाना चाह‍िए. जिन गाड़ियों के चालक ज्यादा ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं उनका इंश्‍योरेंस महंगा होना चाहिए. इससे लोग गाड़ी चलाते समय नियमों का पालन करेंगे.

अमेरिका समेत दूसरे देशों में भी ऐसा ही सिस्टम
सक्सेना ने बताया क‍ि कुछ दूसरे देशों में भी ऐसा ही सिस्टम है. उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया. वहां अगर कोई गाड़ी का ड्राइवर ट्रैफिक नियम तोड़ता है या तेज गाड़ी चलाता है तो उस गाड़ी का इंश्‍योरेंस 20 से 30 प्रत‍िशत तक महंगा हो जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ यूरोपीय देशों में भी ऐसा ही किया जाता है. सक्सेना ने वित्त मंत्री से गुजार‍िश की क‍ि वह इस मामले में इंश्‍योरेंस रेग्‍युलेट इरडा (IRDAI) से बात करें. यह न‍ियम बनने से इंश्‍योरेंस कंपनियों को ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा क्योंकि हादसे कम होंगे.

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