SpiceJet Flights: DGCA ने 50% उड़ानों पर लगाईं रोक, फटाफट चेक करें लिस्ट, कहीं आपकी फ्लाइट तो नहीं?
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SpiceJet Flights: DGCA ने 50% उड़ानों पर लगाईं रोक, फटाफट चेक करें लिस्ट, कहीं आपकी फ्लाइट तो नहीं?

DGCA curtails SpiceJet flights: हवाई यात्रियों के लिए जरूरी खबर है. DGCA ने स्पाइसजेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए  50 प्रतिशत उड़ानों पर रोक लगा दी है. डीजीसीए ने ग्रीष्मकालीन अनुसूची 2022 के तहत स्वीकृत प्रस्थान की संख्या के 50% तक सीमित कर दी है. अगर आप भी यात्रा करने वाले हैं तो फटाफट चेक करें लिस्ट.

DGCA Curtails SpiceJet Flights

DGCA Curtails SpiceJet Flights: हवाई यात्रा करने वालों के लिए जरुरी खबर है. अगर आप भी अगले 8 हफ्तों तक हवाई यात्रा करने वाले हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. दरअसल, डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए  50 प्रतिशत उड़ानों पर रोक लगा दी है. विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को स्पाइसजेट को 8 हफ्ते के लिए अपनी अधिकतम 50 प्रतिशत उड़ानें ही संचालित करने का आदेश दिया, जिन्हें गर्मियों के कार्यक्रम के लिए मंजूरी दी गई थी.

  1. हवाई यात्रियों के लिए काम की खबर 
  2. DGCA ने स्पाइस जेट की 50% उड़ानों पर लगाई रोक
  3. 8 हफ्तों तक के लिए लगाई गई रोक 
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हालांकि इससे पहले सिविल एविएशन राज्यमंत्री वी के सिंह ने सोमवार को कहा था कि डीजीसीए ने स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट्स के स्पॉट चेक्स के दौरान सेफ्टी में उल्लंघन का कोई बड़ा मामला नहीं पाया गया.

सरकार ने जारी किया नोटिस

आपको बता दें कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इससे पहले 6 जुलाई को स्पाइसजेट को 19 जून से उसके विमान में तकनीकी खराबी की कम से कम 8 घटनाओं के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया था. बुधवार को DGCA ने आदेश जारी किया जिसमें कहा गया, 'विभिन्न स्पॉट चेक, निरीक्षण के निष्कर्षों और स्पाइसजेट द्वारा प्रस्तुत कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट के ग्रीष्म अनुसूची 2022 के तहत 8 सप्ताह की अवधि के लिए स्वीकृत प्रस्थान की संख्या को 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है.'

DGCA ने क्यों लिया फैसला?

दरअसल, स्पाइसजेट के विमानों में 19 जून से 18 दिनों में तकनीकी खराबी के कम से कम आठ मामले आए जिसके बाद डीजीसीए ने 6 जुलाई को एयरलाइन को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था. DGCA की तरफ से दिए गए इस नोटिस में कहा गया था कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और रखरखाव की अपर्याप्त कार्रवाई की वजह से सुरक्षा मानकों में गिरावट आई है. इसके बाद अब DGCA ने यह बड़ा फैसला लिया है.

 

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