दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय से ओलेक्ट्रा-बीवाईडी की अत्याधुनिक 'मेक इन इंडिया' ईबज के9 को हरी झंडी दिखाई.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के प्रयास में गुरुवार को राज्य सरकार ने जीरो एमिशन और शोर रहित ओलेक्ट्रा-बीवाईडी (Olectra BYD) की 12 मीटर की इलेक्ट्रिक बस-ईबज के9 (eBuzz K9) को हरी झंडी दिखाई. इसका परीक्षण आनंद विहार से महरौली के बीच किया जा रहा है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय से ओलेक्ट्रा-बीवाईडी की अत्याधुनिक 'मेक इन इंडिया' ईबज के9 को हरी झंडी दिखाई. यह बस रूट नंबर 534 पर आनंद विहार आइएसबीटी से महरौली टर्मिनल के बीच चलेगी. यह परीक्षण तीन महीनों तक चलेगा और अथॉरिटी को दिल्ली की मानक सड़क स्थितियों में बसों की दक्षता और योग्यता का मूल्यांकन करने में सक्षम बनाएगा.
इस बस में ड्राइवर समेत 36 लोगों के बैठने की क्षमता है. जीरो एमिशन इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रयास के अंतर्गत दिल्ली सरकार का मकसद सार्वजनिक परिवहन तंत्र में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना है.
Flagged off 3rd Electric Bus. This time it is Olectra BYD company. It will run on Route no 534 Anand Vihar ISBT to Mehrauli. Company claims that after overnight charging the bus can run for 250 km. pic.twitter.com/YRuheNHE4I
— Kailash Gahlot (@kgahlot) 27 December 2018
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लि. के कार्यकारी निदेशक एन. नागा सत्यम ने इस मौके पर कहा, "लोगों को स्वस्थ पर्यावरण देने के प्रयासों में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता के हिस्से के तौर पर, दिल्ली में किए जा रहे यह ट्रायल जीरो एमिशन ट्रांसपोर्ट विकल्प के लिए जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों के परिवर्तन की दिशा में एक और कदम है. ओलेक्ट्रा बीवाईडी बसें देश भर के सभी इलाकों में सफल साबित हुईं हैं. ओलेक्ट्रा-बीवाईडी भारत में एकमात्र कंपनी है जिसकी इलेक्ट्रिक बसें 4 राज्यों में चल रहीं हैं और हमारा उद्देश्य ई-बस सेगमेंट में अपनी नेतृत्वकारी स्थिति को बरकरार रखना है."
कंपनी ने बताया कि ओलेक्ट्रा-बीवाईडी की इलेक्ट्रॉनिक बसें पहले ही हिमाचल प्रदेश, मुंबई, तेलंगाना और केरल में कॉमर्शियल रूप से चल रही हैं और सभी तरह के रास्तों एवं स्थितियों में चलने की अपनी क्षमता एवं टिकाउपन को साबित कर रही हैं. ओलेक्ट्रा-बीवाईडी बसों ने भारतीय सड़कों पर 5,00,000 किमी से अधिक की दूरी पूरी की है और अभी तक 524 टन तक सीओ2 उत्सर्जन कम किया है जिसके लिए 2,619 पेड़ों की जरूरत पड़ती.
(इनपुट-आईएएनएस)