Banking: भारत में बैंकिंग सेक्टर काफी खास माना जाता है. वहीं बैंकिंग सेक्टर में भी काफी ज्यादा लोग नौकरी करते हैं. इस बीच कर्मचारी लगातार प्राइवेट बैंकों से नौकरी भी छोड़ रहे हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...
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Banking System: भारत में बैंकिंग सेक्टर काफी बड़ा है. वहीं इस सेक्टर में काम करने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है. इस बीच ये भी देखने को मिल रहा है कि लोग प्राइवेट बैंकों से नौकरियां छोड़ भी रहे हैं. इसको लेकर आरबीआई गर्वनर ने कहा है कि वो इस मुद्दे पर नजर बनाए गए हैं. दरअसल, पिछले काफी वक्त से देखने को मिल रहा है कि कर्मचारी प्राइवेट बैंकों से नौकरियां छोड़ रहे हैं.
नौकरी छोड़ रहे कर्मचारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर काफी अधिक है और केंद्रीय बैंक इस मुद्दे पर करीबी नजर रखे हुए है. दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड के वार्षिक कार्यक्रम 'बीएफएसआई इनसाइट समिट' में कहा कि रिजर्व बैंक नियामकीय निगरानी के तहत इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है.
नौकरी छोड़ने की दर
कुछ प्रमुख बैंकों ने सूचित किया है कि उनके यहां नौकरी छोड़ने की दर 30 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. इस आंकड़े पर टिप्पणी करते हुए दास ने कहा कि प्रत्येक बैंक को ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए एक प्रमुख दल का गठन करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी बदलने के संबंध में युवाओं का नजरिया बदल रहा है और युवा अब इस पहलू पर अलग तरह से सोच रहे हैं.
अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति मजबूत
आरबीआई प्रमुख ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति मजबूत बनी हुई है और दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े सभी को चौंका देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता वैश्विक वृद्धि के लिए सबसे बड़ा जोखिम है, लेकिन भारत संभावित जोखिमों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है.
ये हो सकता है कारण
दरअसल, वर्तमान दौर में युवा जल्दी जॉब स्विच कर रहे हैं. इससे उन्हें सैलरी हाइक के साथ ही अच्छी डेजिगनेशन का ऑफर भी मिल जाता है. इसका असर अब बैंकिंग सेक्टर में भी देखने को मिल रहा है. जिसके कारण कर्मचारी प्राइवेट बैंकों से नौकरी को छोड़ रहे हैं. (इनपुट: भाषा)