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मुंबई: Finance Minister In Mumbai: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) दो दिन के मुंबई दौरे पर हैं. कल उन्होंने इनकम टैक्स अधिकारियों, GST अधिकारियों और इंडस्ट्री के लोगों से मुलाकात की थी. आज वित्त मंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के बैंकों के MD और CEO के साथ बैठक करने वाली हैं.
बैंकों के अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री बैंकों की सालाना परफॉर्मेंस की समीक्षा (Annual Performance Review) करेंगी. कोरोना महामारी के बाद ये इस तरह की पहली समीक्षा बैठक होगी. ये बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब सरकार का फोकस ग्रोथ रिकवरी पर है और ऊंची महंगाई दर रास्ते में मुश्किलें पैदा कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज EASE 4.0 (Enhanced Access and Service Excellence) भी लॉन्च करेंगी. EASE सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए एक सामान्य सुधार एजेंडा है जिसका उद्देश्य स्वच्छ और स्मार्ट बैंकिंग को संस्थागत बनाना है.
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EASE 4.0 क्या है और ये कैस काम करेगा और इसके क्या फायदे होंगे, चलिए समझते हैं
1. इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मौजूदा रीटेल ग्राहकों जैसे प्री अप्रूव्ड कार लोन, ई-कॉमर्स खरीद पर EMI ऑफर और मौजूदा MSME ग्राहकों के लिए नए एनालिटिक्स-बेस्ड ऑफर पेश करने और बढ़ावा देने पर फोकस करेंगे
2. EASE ग्राहकों की जवाबदेही, जिम्मेदार बैंकिंग, क्रेडिट ऑफ टेक, उद्यमी मित्र के रूप में PSB, वित्तीय समावेशन और डिजिटाइजेशन को गहरा करने और PSB ब्रांड के लिए कर्मियों को डेवलप करने के छह विषयों पर केंद्रित है.
3. यह नवंबर, 2017 में आयोजित PSB मंथन में की गई सिफारिशों पर तैयार किए गए सुधारों के एजेंडे का हिस्सा है, जिसमें PSB के वरिष्ठ प्रबंधन और सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं.
4. इसका पहला एडिशन EASE 1.0 जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था, जबकि EASE 3.0 को फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था. जिसका मकसद, टेक्नोलॉजी, वैकल्पिक डेटा और एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हुए ग्राहकों के लिए बैंकिंग अनुभवों को बेहतर बनाना है.
आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) प्रमुखों के साथ बैठक कोरोना महामारी की वजह से धीमी हुई अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी, साथ ही बैंकों का परफॉर्मेंस रिव्यू भी किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि मांग और खपत बढ़ाने के लिये बैंक क्षेत्र के महत्व को देखते हए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के मैनेजिंग डायरेक्टर्स और CEOs के साथ बैठक जरूरी है. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए बिल्कुल तैयार है. वित्त मंत्री ने कहा था कि इकोनॉमिक ग्रोथ को महत्व दिया जाएगा और इसके लिए रिजर्व बैंक और हम दोनों ही अपना समर्थन देंगे.
वित्त मंत्री के साथ इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में बैंक की मौजूदा हालत, रिजर्व बैंक द्वारा घोषित पुनर्गठन- दो योजना की प्रगति की समीक्षा किये जाने की उम्मीद है. बैठक में बैंकों को उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है. साथ ही इमरजेंसी क्रेडिट लोन गारंटी योजना (ECLGS) की भी समीक्षा की जाएगी. सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री फंसे कर्ज या NPA (Non Performing Assets) की स्थिति की भी जायजा ले सकती हैं. इसके अलावा बैंकों की ओर से उठाए गए सुधार उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है. आपको बता दें कि बैंकों का NPA 31 मार्च, 2021 को घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये पर आ गया जो 31 मार्च, 2020 को 6,78,317 करोड़ रुपये था, 31 मार्च, 2019 को ये आंकड़ा 7,39,541 करोड़ रुपये पर था.
आपको बता दें कि इससे पहले इसी महीने संसद की एक समिति ने पब्लिक सेक्टर बैंकों में लंबे समय से चले आ रहे NPA की समस्या के समाधान में देरी को लेकर चिंता जतायी थी. इस समिति ने वित्त मंत्रालय से कहा था कि वो बैंकों को इस मुश्किल से निकालने के लिए एक साफ नीति तैयार करें.
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