Unique Business Idea: कागज की रद्दी से विदेश में फहराया सफलता झंडा, खड़ी की करोड़ों की कंपनी
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Unique Business Idea: कागज की रद्दी से विदेश में फहराया सफलता झंडा, खड़ी की करोड़ों की कंपनी

Business Idea: स्कॉटलैंड में नौकरी न मिलने पर पूनम ने हार नहीं मानी और कुछ नया करने की ठानी.  उन्होंने कुछ नया करने के लिए रिसर्च शुरू कर दी जिसके दौरान उन्हें पता चला कि यूरोप और अमेरिकी देशों में हर रोज कागज का स्क्रैप कई टन फेंका जाता है.

Unique Business Idea: कागज की रद्दी से विदेश में फहराया सफलता झंडा, खड़ी की करोड़ों की कंपनी

Success Story: आप अगर कागज की रद्दी को बेकार की चीज समझते हैं तो आप गलती कर रहे हैं. पूनम गुप्ता नाम की एक महिला ने इसी रद्दी से करोड़ो रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है. वे यहां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हिस्सा लेने आई थी. उन्होंने स्कॉटलैंड में कागज की रद्दी को नया बाजार दिया है.  पूनम मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने यहां के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में डिग्री हासिल की और उसके बाद एमबीए किया.

2002 में पूनम की शादी पुनीत से हुई. पुनीत स्कॉलैंड में मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी से जुड़े थे.  पूनम को उम्मीद थी कि वह भी स्कॉटलैंड में नौकरी हासिल कर लेगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका.

नौकरी न मिलने पर कुछ अलग करने की ठानी
नौकरी न मिलने पर पूनम ने हार नहीं मानी और कुछ नया करने की ठानी.  उन्होंने कुछ नया करने के लिए रिसर्च शुरू कर दी जिसके दौरान उन्हें पता चला कि यूरोप और अमेरिकी देशों में हर रोज कागज का स्क्रैप कई टन फेंका जाता है.

इसका कारण यह थी कि यूरोप में बेहतर किस्म के कागज का उत्पादन होता है और जो कागज कबाड़ में बचता है उसका फिर उपयोग कर अच्छी गुणवत्ता वाला कागज तैयार करना महंगा काम है, लिहाजा वह फेंक दिया जाता था. इसके लिए कंपनियों को लाखों रुपए खर्च करना होता था.

पूनम ने और शोध किया और उन्हें पता चला कि इस कागज के स्क्रैप का बेहतर उपयोग भारत में हो सकता है, फिर वे उस दिशा में आगे बढ़ी.  उन्होंने इटली की एक कंपनी से संपर्क किया तो उन्हें सफलता मिली और इस कचरे को उन्होंने बेचने का प्रयास शुरू किया,

40 लाख रुपये की पहली डील
पूनम को पहली डील ही 40 लाख रुपए की थी, जिसके बाद उनका धीरे-धीरे काम बढ़ा और उन्होंने वर्ष 2004 में पीजी पेपर नाम से स्कॉटलैंड में एक कंपनी रजिस्टर करा ली. इसके बाद उन्होंने अपने काम को आगे बढ़ाया और अन्य देशों की कंपनियों से स्क्रैप पेपर खरीदने के प्रयास में जुट गई.

पूनम को सफलता मिलती गई और उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी हाथ आजमाया. आज वह नौ कंपनियों की मालिक हैं और 60 से ज्यादा देशों में कारोबार कर रही हैं. उनकी कंपनी की नेटवर्क एक हजार करोड़ की हो गई है.

पूनम का कहना है कि आमतौर पर भारत में पुरानी चीजों से लोगों को लगाव होता है और कोई आसानी से उसे नहीं छोड़ता और सालों तक उसका इस्तेमाल करत हैं. इसके बाद भी कोई चीज रिजेक्ट नहीं होती, काम हो जाने के बाद यह सोचा जाता है कि इसे कैसे दूसरे काम में यूज किया जाए भारत की इसी सोच ने मुझे यह बिजनेस करने को प्रेरित किया.

(इनपुट - एजेंसी)

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