Share Market में पैसा लगाने से पहले अब संभल जाएं, कहीं लेने के देने न पड़ जाए!
Advertisement

Share Market में पैसा लगाने से पहले अब संभल जाएं, कहीं लेने के देने न पड़ जाए!

FPI Investment: शेयर बाजार में निवेश हमेशा सोच-समझकर करना चाहिए. बिना सोचे-समझे शेयर बाजार में पैसा लगाने से घाटा भी उठाना पड़ सकता है. वहीं अब कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिससे निवेशकों को संभलकर शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए.

शेयर बाजार

FPI Data: शेयर मार्केट में अगर निवेश करते हैं तो अब थोड़ा-सा संभल जाइए. दरअसल विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजार पर काफी असर रहता है और उन्होंने अक्टूबर के महीने में करोड़ों रुपये की निकासी की है. विदेश निवेशक भारतीय शेयर से पैसा निकाल रहे हैं. ऐसे में शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों को भी थोड़ा सोच-समझकर निवेश करना चाहिए. हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी की रफ्तार अक्टूबर में कुछ कम हुई है. सितंबर में शेयरों से 7,600 करोड़ रुपये की निकासी करने के बाद इस महीने अब तक एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 1,586 करोड़ रुपये निकाले हैं.

इतने रुपये निकाले

एफपीआई ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के पीएमएस प्रमुख के दिलीप ने कहा कि नवंबर में एफपीआई का शुद्ध प्रवाह काफी हद तक इस आंकड़े के आसपास रहेगा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 28 अक्टूबर तक शेयरों से 1,586 करोड़ रुपये की निकासी की है. इस महीने का अभी एक कारोबारी सत्र बचा है. हालांकि, पिछले कुछ दिन के दौरान भारतीय बाजारों में एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है.

बिकवाल रहे FPI

वास्तव में पिछले चार कारोबारी सत्रों में वे 6,000 करोड़ रुपये के लिवाल रहे हैं. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि पूंजी की ऊंची लागत, मौजूदा भू-राजनीतिक संकट की वजह से एफपीआई अक्टूबर में बिकवाल रहे हैं. इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे. वहीं पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे. इस साल अभी तक एफपीआई की निकासी 1.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है.

अनिश्चितता का माहौल

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि की संभावना, रुपये में गिरावट, मंदी की आशंका और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का प्रवाह नकारात्मक रहेगा. इस परिदृश्य में अनिश्चितता का माहौल बना है जिसकी वजह से निवेशक जोखिम लेने से कतरा रहे हैं.’’

इनसे भी निकासी

अक्टूबर में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 1,548 करोड़ रुपये निकाले हैं. भारत के अलावा इस महीने अबतक एफपीआई ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है. (इनपुट: भाषा)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news