जब अडानी को उठा ले गए थे बदमाश...स्कूटर वाले गुंडों के कांड से कांप गया था पुलिस महकमा
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जब अडानी को उठा ले गए थे बदमाश...स्कूटर वाले गुंडों के कांड से कांप गया था पुलिस महकमा

Gautam Adani Kidnapping Case: आज से 26 साल पहले गौतम अडानी और उनके साथी शांतिलाल पटेल को बदमाशों किडनैप कर  लिया था. अपराधियों ने उनसे 15 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. 

जब अडानी को उठा ले गए थे बदमाश...स्कूटर वाले गुंडों के कांड से कांप गया था पुलिस महकमा

Guatam Adani: भारत के दूसरे सबसे अमीर आदमी और अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी की संपत्ति और उनकी लाइफस्टाल से तो हम सभी अवगत हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे जब गौतम अडानी को अपराधियों ने किडनैप कर लिया था.  

साल 1962 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में पैदा हुए गौतम अडानी वर्तमान में वह 93.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ भारत के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं. अडानी ने 1988 में अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की, जिसे अब अडानी एंटरप्राइजेज के नाम से जाना जाता है.

गौतम अडानी के एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जहां उनके पिता एक छोटे कपड़ा व्यापारी के रूप में काम करते थे जबकि उनकी मां हाउस वाइफ थीं. गुजरात विश्विद्यालय से बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया. 

स्कूटर वाले गुंडों ने किया किडनैप

साल 1998 में गौतम अडानी के जीवन में एक डरावना पल आया जब अहमदाबाद में उन्होंने हथियारों से लैस गुंडों ने उन्हें और उनके साथी शांतिलाल पटेल को किडनैप कर लिया. यह घटना तब हुई जब वह कर्णावती क्लब से निकल रहे थे, उसी वक्त उनकी गाड़ी पर घात लगाकर बदमाशों ने हमला कर दिया.

फजल-उर-रहमान और भोगीलाल दार्जी नामक दो स्कूटर सवार बदमाशों ने उनका किडनैप किया था. बदमाशों ने गौतम अडानी और शांतिलाल पटेल से 15 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की. अच्छी बात यह रही कि बदमाशों ने उसी दिन दोनों को रिहा कर दिया.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में गौतम अडानी ने इस घटना करते हुए कहा था कि मेरे जीवन में दो या तीन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं, यह उनमें से एक है.

 

किडनैपिंग की घटना के लगभग 20 साल बाद साल 2018 में एडिशनल जिला जज डी.पी. पटेल ने अपर्याप्त साक्ष्य का हवाला देते हुए अपराधियों के पक्ष में फैसला सुनाया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रहमान और दार्जी के वकील कुणाल एन शाह ने कहा कि अभियोजन पक्ष मुख्य गवाहों की अनुपस्थिति के कारण अपहरण के आरोपों या आरोपियों की भूमिका को साबित करने में असमर्थ था.

 

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