छह तिमाहियों के न्यूनतम स्तर 7.1 प्रतिशत पर पहुंची जीडीपी वृद्धि दर
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छह तिमाहियों के न्यूनतम स्तर 7.1 प्रतिशत पर पहुंची जीडीपी वृद्धि दर

खनन, निर्माण एवं कृषि क्षेत्र के धीमा प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो पिछली छह तिमाहियों की सबसे धीमी वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष में इसी दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही थी जो जनवरी-मार्च तिमाही में 7.9 प्रतिशत थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2014-15 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में यह 6.6 प्रतिशत थी।

छह तिमाहियों के न्यूनतम स्तर 7.1 प्रतिशत पर पहुंची जीडीपी वृद्धि दर

नई दिल्ली : खनन, निर्माण एवं कृषि क्षेत्र के धीमा प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.1 प्रतिशत रही जो पिछली छह तिमाहियों की सबसे धीमी वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष में इसी दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही थी जो जनवरी-मार्च तिमाही में 7.9 प्रतिशत थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2014-15 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में यह 6.6 प्रतिशत थी।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार, सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 2016-17 की वृद्धि दर पहली तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही। जीवीए का आकलन मूल कीमत पर किया जाता है जो वस्तु या सेवा के उत्पादक को मिलने वाली वह प्रति इकाई कीमत होती है जिसमें कर शामिल नहीं होते है पर उत्पादन या बिक्री के दौरान उस पर मिलने वाली काई भी सरकारी सहायता शामिल होती है।

जीडीपी वृद्धि आंकड़ा का आकलन नई प्रणाली के तहत बाजार मूल्य पर किया जाता है जबकि जीवीए का आकलन मुख्य रूप से साधन लागत पर किया जाता है। विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति तथा अन्य उपयोगी सेवाएं, व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार तथा प्रसारण से जुड़ी सेवाओं, वित्तीय, बीमा, रीयल एस्टेट तथा पेशेवर सेवाएं एवं लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में आलोच्य तिमाही के दौरान वृद्धि सात प्रतिशत से ऊपर रही।

इस दौरान कृषि, वानिकी और मत्स्यन क्षेत्र का जीडीपी 1.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि खनन तथा उत्खनन क्षेत्र में 0.4 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी। निर्माण क्षेत्र ने इस दौरान 1.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी। जीवीए में मूल कीमत पर वृद्धि 2016-17 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 7.2 प्रतिशत थी।

कृषि, वानिकी और मत्स्यन क्षेत्र के जीवीए के संदर्भ में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में इसमें 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन एवं उत्खनन क्षेत्र की वृद्धि दर में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 0.4 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में इसमें 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 9.1 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 7.3 प्रतिशत थी। निर्माण उद्योग की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 1.5 प्रतिशत रही जो एक वर्ष 2015-16 की इसी तिमाही में 5.6 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र में जीवीए वृद्धि 2016-17 की पहली तिमाही में 9.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 8.8 प्रतिशत थी।

व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवा क्षेत्र में पहली तिमाही के दौरान जीवीए वृद्धि दर पहली तिमाही में 8.1 प्रतिशत अनुमानित है जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 10 प्रतिशत रही। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 2016-17 की पहली तिमाही में 12.3 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 5.9 प्रतिशत थी।

बयान के अनुसार केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा कर के संग्रह में वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में क्रमश: 61 प्रतिशत, 18 प्रतिशत तथा 29 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में क्रमश: 104 प्रतिशत, 22 प्रतिशत तथा 14 प्रतिशत थी। इसमें यह भी कहा गया है कि प्रमुख सब्सिडी में पहली तिमाही में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इसमें एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 26 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

अंतिम निजी उपभोग व्यय में चालू मूल्य पर पहली तिमाही में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अंतिम निजी उपभोग व्यय अर्थव्यवस्था में मांग का एक संकेतक है। इसी प्रकार, निवेश का संकेत देने वाला सकल स्थिर पूंजी निर्माण चालू मूल्य पर 2016-17 की पहली तिमाही में 1.1 प्रतिशत नीचे आया जबकि एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में इसमें 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

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