बैंकों का एनपीए मार्च 2019 में घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया. एक साल पहले इसी समय यह 11.2 प्रतिशत पर था.
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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (NBFC) के संकट समेत हालिया झटकों के बावजूद देश की वित्तीय प्रणाली "मजबूत बनी" हुई है और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) में तेजी से गिरावट आई है. फंसी परिसंपत्ति गिरकर 9.3 प्रतिशत रह गई. रिजर्व बैंक ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि NPA का "कायापलट" हुआ है. बैंकों का एनपीए मार्च 2019 में घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया. एक साल पहले इसी समय यह 11.2 प्रतिशत पर था.
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि मार्च 2020 तक बैंकों का एनपीए कम होकर नौ प्रतिशत पर आ जाएगा. कुल एनपीए में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी बढ़कर 12.6 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर है लेकिन मार्च 2020 तक यह घटकर 12 प्रतिशत पर आ सकती है. रिपोर्ट में एनबीएफसी संकट की ओर इशारा करते हुए कहा गया है कि " हालिया झटकों के बावजूद देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बैंकों का प्रावधान कवरेज अनुपात में सुधार के साथ बैंकों के उतार - चढ़ाव झेलने की क्षमता बढ़ी है. सभी बैंकों का प्रावधान कवरेज अनुपात सितंबर 2018 में 52.4 प्रतिशत से मार्च 2019 में 60.6 प्रतिशत रहा. मार्च में यह 48.3 प्रतिशत पर था.