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नई दिल्ली: Petrol- Diesel Price: पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price Hike) की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है. लखनऊ में आयोजित 45वें जीएसटी बैठक में पेट्रोल-डीजल पर राहत के फैसले की उम्मीद जताई जा रही थी. मंत्रियों के एक पैनल के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) पर सिंगल नेशनल रेट के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगाने पर विचार की बात की जा रही थी. लेकिन आम लोगों को एक बार फिर झटका लगा जब इस बैठक में पेट्रोल- डीजल पर चर्चा से वित्त मंत्री ने इनकार कर दिया.
पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों फिर निराशा हाथ लगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद साफ हो गया कि फिलहाल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा. 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का ये सही वक्त नहीं है.
GST Council felt it isn't time to bring petroleum products under GST regime: Finance Minister Nirmala Sitharaman
— Press Trust of India (@PTI_News) September 17, 2021
दरअसल, जीएसटी सिस्टम में अगर कोई भी बदलाव करना हो तो उसमें पैनल के तीन-चौथाई से अप्रूवल की जरूरत होती है. इसमें सभी राज्यों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि इस प्रस्ताव में से कुछ ने फ्यूल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है क्योंकि उनका कहना है कि ऐसे में केंद्र सरकार को एक प्रमुख राजस्व जुटाने वाला टूल सौंप देंगे.
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गौरतलब है कि देश भर में पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Today) की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं जिससे आम जनता बेहाल है. इस बैठक से लोगों को पेट्रोल-डीजल की कीमत में राहत की उम्मीद थी. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 101.19 पैसे प्रति लीटर की दर पर है. वहीं, डीजल 88.62 रुपये प्रति लीटर है. मुंबई में पेट्रोल 107.26 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, डीजल 96.19 पैसे प्रति लीटर है.
दरअसल, सरकार का पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 48 प्रतिशत बढ़ा है. यानी बढ़ती कीमत के बीच पेट्रोल-डीजल ने सरकार के खजाने को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. अप्रैल से जुलाई 2021 के दौरान उत्पाद शुल्क कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 67,895 करोड़ रुपये था. वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का उछाल आया है और यह रकम 3.35 लाख करोड़ रही.
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