Property Transfer: अपने बच्चों को कैसे करें संपत्ति ट्रांसफर? माता-पिता को जरूर पता होने चाहिए ये कानून
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Property Transfer: अपने बच्चों को कैसे करें संपत्ति ट्रांसफर? माता-पिता को जरूर पता होने चाहिए ये कानून

Property Transfer Rules: अगर कोई माता-पिता अपने बच्चों को अपनी संपत्ति ट्रांसफर (Property Transfer) करना चाहते हैं तो नॉमिनेशन से कर सकते हैं. इस तरीके से माता-पिता अपने बच्चों के बीच संपत्ति का बंटवारा कर सकते हैं. नॉमिनेशन के जरिए माता-पिता के जरिए अपने बच्चों के नाम संपत्ति की जा सकती है.

Property Transfer: अपने बच्चों को कैसे करें संपत्ति ट्रांसफर? माता-पिता को जरूर पता होने चाहिए ये कानून

Property: लोगों के जरिए जिंदगी में काफी मेहनत की जाती है और इस मेहनत के जरिए लोग संपत्ति भी इकट्ठा करते हैं. वहीं जब लोगों की उम्र ज्यादा हो जाती है तो वो अपने बच्चों को अपनी संपत्ति ट्रांसफर भी करते हैं. हालांकि संपत्ति को ट्रांसफर करने के पीछे एक प्रक्रिया है, जिसका पालन भी करना होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे माता-पिता अपने बच्चों को संपत्ति का ट्रांसफर बिना विवाद के कर सकते हैं...

नॉमिनेशन
अगर कोई माता-पिता अपने बच्चों को अपनी संपत्ति ट्रांसफर (Property Transfer) करना चाहते हैं तो नॉमिनेशन से कर सकते हैं. इस तरीके से माता-पिता अपने बच्चों के बीच संपत्ति का बंटवारा कर सकते हैं. नॉमिनेशन के जरिए माता-पिता के जरिए अपने बच्चों के नाम संपत्ति की जा सकती है. इसके साथ ही अगर माता-पिता कभी नॉमिनेशन में बदलाव करवाना चाहें तो किसी और का नाम भी दर्ज करवा सकते हैं.

वसीयत
इसके अलावा एक दूसरा विकल्प वसीयत है. माता-पिता के जरिए अपनी वसीयत तैयार करवाई जा सकती है. इस वसीयत में माता-पिता ये उजागर कर सकते हैं कि उन्हें अपनी कौनसी संपत्ति किसे देनी है. वसीयत कानूनी तौर पर मान्य दस्तावेज है. वसीयत के जरिए अपनी संपत्ति अपनी इच्छा से किसी संबंधित व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद सौंप सकते हैं. अगर आप नाबालिग नहीं हैं और मानसिक रूप से ठीक हैं तो भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के अनुसार अपनी वसीयत लिख सकते हैं. वसीयत के जरिए संपत्ति ट्रांसफर करना कानूनी तौर पर मान्य है.

इस बात का रखें ध्यान
माता-पिता को अपनी जिस संपत्ति का भी ट्रांसफर करना हो, उसके दस्तावेज मौजूद होने चाहिए. दस्तावेजों की मदद से किसी भी विवाद से बचने में मदद मिलती है. साथ ही दस्तावेजों के जरिए ये सत्यापन करने में भी मदद मिलती है कि आपकी संपत्ति कौन-कौनसी है.

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