किराए के घर में रहते हैं तो बचाइए बंपर टैक्स, जानिए HRA कैलकुलेशन का तरीका
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किराए के घर में रहते हैं तो बचाइए बंपर टैक्स, जानिए HRA कैलकुलेशन का तरीका

इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख अब 30 नवंबर 2020 हो चुकी है. अगर आप टैक्स बचाने की कोशिश में लगे हैं तो HRA पर कैसे टैक्स बचाया जाए, इसके बारे में भी जरूर जान लीजिए. HRA वो भत्ता होता है जो सैलरीड क्लास को उसकी कंपनी देती है, लेकिन सरकार उस पर टैक्स वसूलती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख अब 30 नवंबर 2020 हो चुकी है. अगर आप टैक्स बचाने की कोशिश में लगे हैं तो HRA पर कैसे टैक्स बचाया जाए, इसके बारे में भी जरूर जान लीजिए. HRA वो भत्ता होता है जो सैलरीड क्लास को उसकी कंपनी देती है, लेकिन सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इसी टैक्स को आप कैसे बचा सकते हैं, हम आपको बताने जा रहे हैं. 

इनकम टैक्स कानून के हिसाब से HRA पर छूट सेक्शन 10 (13A) के तहत मिलती है. कुल टैक्सेबल आमदनी की गणना HRA को कुल आय से घटाकर की जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर कंपनी का कर्मचारी अपने घर में रहता है या मकान का किराया नहीं देता, तो उसके वेतन में HRA के रूप में मिली रकम टैक्स के दायरे में आएगी है, मतलब टैक्स चुकाना पड़ेगा. 

अब सवाल ये उठता है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं. इसकी कैलकुलेशन बेहद आसान है.

HRA में टैक्स छूट कैसे कैलकुलेट करें 

1. आपकी सैलरी में कितना हिस्सा HRA का है
2. मेट्रो शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 50 परसेंट, नॉन मेट्रो में रहते हैं तो सैलरी का 40 परसेंट
3. वास्तव में चुकाए गए मकान के किराए में से सैलरी का 10 परसेंट घटाने के बाद बची रकम 

इन तीनों में से जो भी रकम सबसे कम आएगी, उस पर HRA की टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है.

अब इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं, जिससे आप इसे बेहतर तरीके से जान पाएंगे. 
मान लीजिए मिस्टर राम मुंबई में रहकर 12 लाख रुपये सालाना कमाते हैं. उनकी कंपनी उन्हें 3.60 लाख रुपया HRA के रूप में देती है. मिस्टर राम सालाना 2 लाख रुपया किराए के तौर पर खर्च करते हैं. तो अब कैलकुलेशन इस तरह से होगी

1. वास्तविक HRA मिला                         3.6 लाख रुपये
2. बेसिक सैलरी का 50%                       12 लाख रुपये का 50%    = 6 लाख रुपये
3. रेंट चुकाया - बेसिक सैलरी का 10%      2 लाख - 1.2 लाख रुपये   = 80 हजार रुपये

इन तीनों विकल्पों में आपको दिख रहा होगा कि नंबर 3 यानि वास्तविक चुकाए गए किराए में से कुल बेसिक सैलरी का 10 परसेंट घटाने पर 80 हजार रुपये की रकम आती है. जो कि ऊपर के दोनों विकल्पों में से सबसे कम है.
इसलिए HRA पर 80 हजार रुपये की टैक्स छूट मिलेगी. 

कुल मिला HRA      =  3.60 लाख
HRA में छूट           = 80 हजार
टैक्सेबल HRA        = 3.60 लाख - 80 हजार= 2.80 लाख

यानि आपको 2.80 लाख पर टैक्स चुकाना होगा जो कि आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से लगेगा. बाकी के 80 हजार पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 

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लेकिन ध्यान रहे

HRA पर टैक्स का फायदा तभी मिल सकता है जब आपके पास किराये की रसीद हो. अगर आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट है तब भी आप इसका लाभ उठा सकते हैं. अगर किराए के रूप में आपने हर महीने 15,000 रुपये या साल में एक लाख रुपये से ज्यादा किराया चुकाया है तो छूट पाने के लिए मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है.

HRA पर कुछ जरूरी बातें 

1. टैक्स छूट तभी मिल सकती है जब कर्मचारी ने सच में मकान का किराया चुका हो
2. अगर कर्मचारी ने किराया अपने परिवार के ही किसी सदस्य को चुकाया हो तब भी उसको HRA पर छूट मिलेगी
3. अगर कर्मचारी एक घर का मालिक है, लेकिन वो किसी दूसरी जगह किराए के मकान में रहता है तब भी HRA पर टैक्स छूट ले सकता है
4. अगर कंपनी कर्मचारी को वेतन में HRA नहीं देती है और कर्मचारी किराए के मकान में रहता है तो ऐसी स्थिति में HRA पर टैक्स छूट पाने का हकदार नहीं होगा
5. ऐसे में कर्मचारी सेक्शन 80GG के तहत डिडक्शन ले सकता है 

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