आपके लोन की EMI में फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% परसेंट पर बरकरार हैं, लेकिन फिर भी रिजर्व बैंक ने सस्ते कर्ज का रास्ता खोला है.
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नई दिल्ली: आपके लोन की EMI में फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35%
परसेंट पर बरकरार हैं, लेकिन फिर भी रिजर्व बैंक ने सस्ते कर्ज का रास्ता खोला है. बीते दो दिनों तक चली MPC (Monetary Policy Committe) की बैठक के बाद आज क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान हुआ. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने महंगाई से लेकर GDP ग्रोथ तक रिजर्व बैंक के अनुमान जाहिर किए हैं. सबसे पहले देख लेते हैं RBI पॉलिसी की बड़ीं बातें और उनके मायने क्या हैं.
RBI ने रेपो रेट को 4 परसेंट पर बरकरार रखा है. यानि लोगों को अपने लोन की EMI में कोई राहत नहीं मिलने वाली है. फरवरी 2019 से अब तक MPC ने रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बड़ी कटौती कर चुका है.
रेपो रेट में भले ही कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा होमलेन की दरें घटाने पर फोकस होगा. इसके लिए नए हाउसिंग लोन पर रिस्क वेटेज 31 मार्च 2022 तक के लिए घटाया गया है. यानी भविष्य में दिए जाने वाले सभी नए हाउसिंग लोन रिस्क सिर्फ लोन टू वैल्यू (Loan to value) से ही लिंक होंगे, यानि लोन मिलना आसान और सस्ता हो जाएगा.
RTGS यानी Real Time Gross Settlement पैसे ट्रांसफर करने की एक तेज व्यवस्था है. जो अब दिसंबर 2020 के बाद 24 घंटे और सातों दिन काम करेगा. RTGS की सेवाएं फिलहाल कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक ही काम करती हैं. ये पैसे ट्रांसफर करने का बेहद सुरक्षित प्लेटफॉर्म होता है.
RTGS आमतौर पर बड़े अमाउंट को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होता है. इसमें ट्रांसफर की शुरुआत की 2 लाख रुपये से ऊपर की रकम के लिए होती है.
इसका मतलब ये हुआ कि रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कमी कर सकता है. इस रुख के जरिए इस बात के संकेत मिलते हैं कि RBI कर्ज को और सस्ता कर सकता है ताकि लोगों में खर्चों की रफ्तार बढ़ाई जा सके
RBI गवर्नर ने कहा कि 'वित्त वर्ष 2021 के दौरान GDP की ग्रोथ 9.5 परसेंट की कमी आई, लेकिन चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) से GDP में सुधार दिखना शुरू होगा. शक्तिकांता दास ने कहा कि, 'हम बेहतर भविष्य के बारे में सोच रहे हैं. दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'इकोनॉमी में सेक्टर आधारित ग्रोथ दिखाई दे सकता है. खेती, कंज्यूमर, फार्मा में रिकवरी की संभावनाएं जागी हैं.
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6. सितंबर में बढ़ेगी महंगाई
महंगाई को लेकर RBI उतना चिंतित नहीं दिखा है. RBI ने अपने बयान में कहा कि सितंबर की खाद्य महंगाई दर बढ़ना संभव है. अक्टूबर के महंगाई आंकड़ों में सुधार दिखेगा. यानी रिजर्व बैंक का सारा फोकस अब ग्रोथ पर है ना कि महंगाई पर.
RBI ने अगले हफ्ते 20 हजार करोड़ रुपये के OMO (Open Market Operation) का ऐलान किया है. OMO का मतलब होता है कि RBI रुपये की लिक्विडिटी की स्थिति को बनाए रखने के लिए बाजार में सरकारी सिक्योरिटीज (G-Sec) की खरीद फरोख्त करता है. जब RBI को लगता है कि बाजार में लिक्विडिटी ज्यादा है या कम है तो वो सिक्योरिटीज को बेचकर या खरीदकर कंट्रोल करता है. RBI ने कहा कि फाइनेंस नियमों को और आसान बनाने की कोशिश भी जारी है.
बैंकों की लिक्विडिटी सुधारने के लिए रिजर्व बैंक ने 1 लाख करोड़ रुपये का TLTRO (Targeted Long Term Repo Operations) लाने का ऐलान किया है. 4% की दर से मार्च 2021 तक इसे दिया जाएगा. जिसे कॉरपोरेट बॉन्ड, डिबेंचर में निवेश किया जाएगा. TLTRO एक ऐसा टूल है जिसके जरिए RBI बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी पैदा करता है. वो किसी भी सेक्टर या कंपनी को सीधा पैसा नहीं दे सकता इसलिए ये बैंकों से कहा जाता है कि वो इसे कर्ज के रूप में लेकर कंपनियों के बॉन्ड्स और डिबेंचर्स को खरीदें. इस कोशिश से बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ में सुधार की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने कर्ज देने की लिमिट को बढ़ाने की इजाजत दे दी है. जिसके तहत अब छोटे कर्जदारों के लिए 7.5 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है.