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IDBI Bank Privatization: एक और सरकारी बैंक जल्द ही प्राइवेट हाथों में सौंपी जा सकती है. रिजर्व बैंक की ओर से इसका रास्ता साफ हो गया है. आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक इसके लिए क्लियरेंस दे दी है. आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों की जांच-पड़ताल के बाद आरबीआई ने 'फिट एंड प्रॉपर' की रिपोर्ट दे दी है.
सरकारी बैंक की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
बता दें कि सरकार ने मई 2021 में ही इस बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी. अब रिजर्व बैंक ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है. बैंकों को निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद केंद्रीय बैंक की ओर से बोली लगाने वालों की जांच होती है. बोली लगाने वाले उचित और उपयुक्त मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं इसकी जांच के बाद 'फिट एंड प्रॉपर' की रिपोर्ट दी जाती है.
आरबीआई की इस रिपोर्ट के बाद आईडीबीआई बैंक के नजीकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ा लिया गया है. इस रिपोर्ट के बाद अब आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए बोली लगाने वाली कंपनियां आगे की कार्रवाई कर सकती है. आरबीआई के क्लियरेंस के बाद अब सरकार इस वित्त वर्ष में ही आईडीबीआई बैंक को लेकर फाइनेंशियल बिड मंगवा सकती है.
बोली लगाने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से बैंक के वर्चुअल डेटा रूम का एक्सेस मिल जाएगा ताकि ये बैंक की आर्थिक हालात के बारे जान सके. बता दें कि आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी सबसे बड़ा हिस्सेदार है. इस बैंक में सरकार 30.48 फीसदी और एलआईसी 30.24 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की दिशा में आगे बढ़ रही है. हालांकि इस कोशिश में कई बार मुश्किल आई. अच्छा रिस्पांस नहीं मिलने से साल 2022 में इस फैसले को होल्ड कर दिया गया. अब एक बार इस दिशा में सरकार तेजी से बढ़ रही है.
खरीदारों की रेस में कौन-कौन ?
मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा कि आईडीबीआई बैंक को खरीदने की रेस में फेयरफैक्स इंडिया सबसे आगे है. ये 60.7% हिस्सेदारी हासिल करने की दौड़ में सबसे आगे है. इसके अलावा दो अन्य बोली लगाने वालों में NBD Emirates और Kotak Mahindra Bank है.