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नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने साफ तौर पर कह दिया है कि उसे किसी भी लेनदेन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वाले किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट एक्सचेंज के बारे में जानकारी नहीं है. NPCI के बयान में कहा गया है, 'UPI का इस्तेमाल करके क्रिप्टोकरेंसी की खरीद के बारे में कुछ हालिया मीडिया रिपोर्टों के बारे में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यह साफ करना चाहता है कि हमें UPI का इस्तेमाल करने वाले किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानकारी नहीं है.'
NPCI का ये बयान UPI के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी के विकल्प खरीदने की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है. NPCI भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन करने वाला संगठन है. इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बजट में प्रस्तावित 30 प्रतिशत 'क्रिप्टो कर' 1 अप्रैल से लागू हो गया है. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्रिप्टो एक्सचेंज के हर लेनदेन पर कड़ी नजर रखेगा.
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अधिकारियों ने बताया कि इनकम टैक्स अधिकारियों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा ऐसा करने का निर्देश दिया गया है. वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'हमारे अधिकारी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर कड़ी नजर रखेंगे, जिनकी संख्या लगभग 40 है, जहां बिटकॉइन, एथेरियम जैसे प्रमुख डिजिटल काइंस में लेनदेन चल रहा है.'
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अधिकारियों ने बताया कि 40 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से 10 प्रमुख रूप से क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद में काम कर रहे हैं और उनका कारोबार 34,000 करोड़ रुपये से 1 ट्रिलियन रुपये के बीच है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एक्सचेंज के अलावा आईटी अधिकारी रिपोर्टिंग संस्थाओं के माध्यम से क्रिप्टो लेनदेन को भी ट्रैक करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि 1 जुलाई 2022 तक, जब विभाग क्रिप्टो लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस में कटौती करना शुरू कर देगा, तो विभाग के लिए क्रिप्टो लेनदेन को ट्रैक करना आसान हो जाएगा.