इस अस्पताल में 710 बेड होंगे. इनमें से कैंसर पर अनुसंधान करने के लिए 200 बेड होंगे.
Trending Photos
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा के इज्जर जिले में बना राष्ट्रीय कैंसर संस्थान जनवरी के तीसरे हफ्ते में खोल दिया जाएगा. इसे देश का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल कहा जा रहा है. इस संस्थान को देश में कैंसर की बीमारी के लिए अनुसंधान के क्षेत्र में अहम माना जा रहा है. यह उत्तरी क्षेत्र में कैंसर के बेहतर इलाज की कमी को दूर करने में अहम भूमिका अदा करेगा. इससे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व राजस्थान सहित कई राज्यों के कैंसर मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा और मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
नड्डा ने दिल्ली के एम्स में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा,‘‘ झज्जर में बने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान को जनवरी के तीसरे हफ्ते में राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा.’’ इस संस्थान में 710 बेड होंगे. इनमें से कैंसर पर अनुसंधान करने के लिए 200 बेड होंगे. यहां, ओपीडी सेवा को पिछले हफ्ते आंशिक रूप से खोला गया है.
झारखंड की सबसे बेहतर तैयारी इसलिए आयुष्मान भारत योजना की यहीं से शुरुआत: जेपी नड्डा
इस संस्थान में कैंसर का उपचार करने के लिए ऑपरेशन, रेडिएशन समेत अन्य सुविधाएं होंगी. इसमें भारत का अपनी तरह का पहला टिशू बैंक भी होगा. यह संस्थान दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तहत संचालित होगा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली केंद्र सरकार ने 2013 में इस संस्थान को मंजूरी दी थी. 2,035 करोड़ रुपये की लागत से यह बनकर तैयार हुआ है.
देश में खोले जाएंगे दो एम्स, पटना में गंगा पर बनेगा चार लेन का नया पुल
इस अस्पताल को दिल्ली स्थित AIIMS से सीधे जोड़ा गया है. इसलिए, मरीजों को आने वाले समय में एम्स से यहां रेफर किया जाएगा. इस अस्पताल को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा. 2020 तक यहां 710 बेड की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. ओपीडी सेवाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं. पहले चरण में मरीजों को भर्ती किया जाएगा. अगले तीन महीने में यहां रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.
फिलहाल, एम्स पर मरीजों का बहुत ज्यादा भार है. यहां रोजाना 1300 मरीज कैंसर के पहुंचते हैं, लेकिन इनमें से आधे का ही इलाज हो पाता है. इस अस्पताल के खुल जाने से मरीजों के पास दूसरा ऑप्शन होगा और एम्स का भार भी हल्का होगा. इस अस्पताल में न सिर्फ कैंसर का इलाज होगा, बल्कि रिसर्च भी होगा. इसलिए यहां कैंसर के इलाज की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं और उपकरण मौजूद रहेंगे.
(इनपुट-भाषा)