टिकट बुकिंग और रिफंड से जुड़े नियमों में Railway ने किया बड़ा बदलाव
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टिकट बुकिंग और रिफंड से जुड़े नियमों में Railway ने किया बड़ा बदलाव

अगर आप या आपका परिवार अक्सर ट्रेन से सफर करता रहता है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेन की बुकिंग और रिफंड के नियमों में बदलाव किया गया है.

टिकट बुकिंग और रिफंड से जुड़े नियमों में Railway ने किया बड़ा बदलाव

नई दिल्ली : अगर आप या आपका परिवार अक्सर ट्रेन से सफर करता रहता है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेन की बुकिंग और रिफंड के नियमों में बदलाव किया गया है. नए नियम के अनुसार ट्रेन लेट होने की वजह से कनेक्टिंग ट्रेन छूटने पर आपको किराये के पैसे का रिफंड मिल सकेगा. रेलवे की तरफ से यह बदलाव करोड़ों रेल यात्रियों को राहत देने के मकसद से किया गया है. इसके तहत अब मुख्य और कनेक्टिंग ट्रेन के लिए एक ही पीएनआर जारी किया जाएगा. ऐसे में यदि आपकी ट्रेन लेट होने के कारण कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाती है तो आपको कनेक्टिंग ट्रेन के किराये का पूरा किराया रिफंड मिलेगा.

कनेक्टिंग ट्रेन छूटने पर मिलेगा रिफंड
रेलवे की नई व्यवस्था के तहत यात्रियों को ई-टिकट और यात्री आरक्षण प्रणाली दोनों के जरिये बुक किए गए टिकट पर रिफंड की सुविधा मिलेगी. हालांकि इसके लिए अगल - अगल तरीके अपनाने होंगे. पीआरएस से खरीदे गए टिकट के मामले में ट्रेन लेट होने पर मुख्य ट्रेन की यात्रा जिस स्टेशन पर खत्म होगी उसी स्टेशन के काउंटर पर रिफंड का क्लेम तीन घंटे के अंदर पीआरएस काउंटर पर करना होगा. वहीं ई टिकट के मामले में करेंट काउंटर पर तीन घंटे के अंदर मुख्य ट्रेन के लेट होने का कारण बताते हुए टीडीआर फाइल करना होगा.

यात्री को फाइल करना होगा टीडीआर
किसी वजह से करेंट काउंटर उपलब्ध न हो तो उस स्थिति में तीन दिनों के भीतर उसी स्टेशन पर टीडीआर फाइल किया जा सकता है. यात्री की ओर से टीडीआर फाइल किए जाने के बाद संबंधित जोन के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय या रिफंड ऑफिस की ओर से पूरी जांच किए जाने के बाद यात्री के खाते में किराए का पैसा भेज दिया जाएगा.

इस वजह से मिलता था रिफंड
अब तक ई टिकट या काउंटर से टिकट लेने पर मुख्य ट्रेन व कनेक्टिंग ट्रेन के लिए अलग - अलग पीएनआर जारी होते थे. ऐसे में करफर्म सीट होन पर यदि ट्रेन छूट जाती थी तो यात्री को कोई भी रिफंड नहीं मिलता था. इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने नियमों में यह बदलाव किया है.

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