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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संकट के चलते आम आदमी पर आर्थिक संकट का पहाड़ टूट पड़ा है. इसी बीच लोगों को महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है. दरअसल, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई की दर मई के मुकाबले जून 2021 में घटकर 6.26 फीसदी हो गई है. लेकिन खाद्य वस्तुओं के दाम में हुए बढ़ोतरी(Food Price Hardened) के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) में तेजी और परिवहन लागत में बढ़ोतरी (Transportation Cost Rise) के चलते जून में खुदरा महंगाई लगातार दूसरे महीने भी अपने तय लक्ष्य से ऊपर रही है.
मई 2021 के दौरान सीपीआई आधारित महंगाई की दर 6.30 फीसदी थी, जो 6 महीने के सर्वोच्च स्तर (Highest Level) पर थी. अब जून 2021 में लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई की दर मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की ओर से 2 फीसदी कम और अधिकतम 4 फीसदी के निर्धारित लक्ष्य (Targeting Range) से ऊपर है. जून 2021 में खाद्य महंगाई (CFPI) 5.15 फीसदी पर रही, जो मई में 5.01 फीसदी पर थी. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से आधिकारिक आंकड़े जारी किए गए हैं जिसके अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के कारण ऐसा हुआ है.
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एनएसओ (NSO) के अनुसार, ईंधन व बिजली की महंगाई दर जून 2021 में 12.7 फीसदी है, जो मई में 11.6 फीसदी पर थी. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से जारी औद्योगिक उत्पादन (IIP) के आंकड़ों के अनुसार, साल-दर-साल आधार पर मई 2021 में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अगर बात कोरोना संकट से पहले मई 2019 की करें तो इस साल मई में औद्योगिक उत्पादन में 13.4 फीसदी की गिरावट देखी गई है. इससे पहले पिछले साल के मुकाबले अप्रैल 2021 के दौरान इसमें 134 फीसदी और मार्च में 22.4 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
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