Iran-Israel Conflict: ईरान-इजरायल से कैसे हैं भारत के व्‍यापार‍िक र‍िश्‍ते? नहीं रुकी जंग तो क्‍या होगा नुकसान
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Iran-Israel Conflict: ईरान-इजरायल से कैसे हैं भारत के व्‍यापार‍िक र‍िश्‍ते? नहीं रुकी जंग तो क्‍या होगा नुकसान

Middle East Tension: ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने का असर क्रूड ऑयल की कीमत पर देखा जा रहा है. इसका असर यह होगा क‍ि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने की उम्‍मीद को झटका लगा है. इससे भारत और और क्‍या नुकसान होगा, आइए जानते हैं?

Iran-Israel Conflict: ईरान-इजरायल से कैसे हैं भारत के व्‍यापार‍िक र‍िश्‍ते? नहीं रुकी जंग तो क्‍या होगा नुकसान

Iran Israel War Impact: ईरान की तरफ से इजरायल पर क‍िये गए म‍िसाइल हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. मंगलवार रात को ईरान के हमले से म‍िड‍िल ईस्‍ट में तनाव बढ़ गया है. ईरान ने 180 म‍िसाइल से अटैक करने का दावा क‍िया है. इजरायल की तरफ से जवाबी हमला करने का ऐलान क‍िया गया है. भारत के इजरायल से अच्‍छे व्‍यापारिक र‍िश्‍ते हैं. दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव का भारत पर क्‍या असर होगा? आइए जानते हैं भारत और इजरायल के बीच के व्‍यापार‍िक र‍िश्‍तों और दोनों देशों के बीच क‍ितना कारोबार होता है?

मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत को हरे रंग में दिखाया

हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन में अपने संबोधन के दौरान ईरान को वेस्‍ट एशिया में संघर्ष का कारण बताया था. नेतन्याहू ने इस दौरान दो मैप का यूज क‍िया, पहले में मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत को हरे रंग में दिखाया था. इसके अलावा एक दूसरे मैप में ईरान और कई दूसरे देशों को काले रंग से शो क‍िया गया था. इन देशों को उन्‍होंने ईरान के प्रभाव के कारण 'अभिशाप' बताया गया. उनके इस संबोधन से यह साफ हुआ था क‍ि इजरायल और भारत एक-दूसरे के ल‍िए क‍ितनी अहम‍ियत रखते हैं?

भारत और इजरायल का व्‍यापार 10.7 बिलियन डॉलर
भारत और इजरायल के बीच 1992 में राजनयिक संबंध बने थे. इसके बाद से भारत और इजरायल के बीच व्यापार काफी बढ़ गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. इस आंकड़े में ड‍िफेंस शाम‍िल नहीं है. 1992 में जब दोनों देशों के बीच व्‍यापार‍िक र‍िश्‍तों की शुरुआत हुई थी तो उस समय यह आंकड़ा 200 मिलियन डॉलर का था. इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के अनुसार भारत ने 2022-23 में इजरायल को 8.45 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था. इस दौरान इजरायल से 2.3 बिलियन डॉलर का आयात हुआ. साल 2023-24 के शुरुआती 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) में दोनों देशों के बीच का व्यापार 5.75 अरब डॉलर था.

भारत क्‍या करता है न‍िर्याता और क्‍या करता है आयात?
भारत की तरफ से इजरायल को डीजल, हीरे और एव‍िएशन फ्यूल का न‍िर्यात क‍िया जाता है. कुल न‍िर्यात में से डीजल और डायमंड का करीब 78% हिस्सा है. भारत की तरफ से न‍िर्यात क‍िये जाने वाले बाकी सामान में बासमती चावल और गेहूं शामिल हैं. इजरायल की तरफ से जो चीजें आयात की जाती है उनमें स्‍पेस इक्‍युपमेंट, पोटेशियम क्लोराइड और मेकेन‍िकल अप्‍लायंस शाम‍िल हैं. इजरायल एशिया में भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और ग्‍लोबल लेवल पर इसका नंबर 32वां है. इस कारण दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थ‍िक संबंध हैं.

ईरान के साथ भारत के र‍िश्‍ते
भारत और ईरान के बीच के कारोबारी र‍िश्‍ते में प‍िछले कुछ सालों में ग‍िरावट आई है. 2022-23 में दुन‍ियाभर में ईरान भारत का 59वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. दोनों देशों के बीच व्‍यापार 2.33 अरब डॉलर का रहा. इससे पहले साल 2021-22 में दोनों देशों के बीच का कारोबार का आंकड़ा 1.94 अरब डॉलर रहा था. इससे पहले सालों में भी ईरान और भारत के बीच के व्‍यापार‍िक र‍िश्‍ते इस आंकड़े के ही करीब रहे.

भारत पर क्‍या होगा असर?
इजरायल और ईरान के बीच यद‍ि जंग बढ़ती है तो इसका असर आने वाले समय में भारत पर भी देखने को म‍िलेगा. मंगलवार रात से ही क्रूड ऑयल की कीमत में 4 प्रत‍िशत की तेजी देखी जा रही है. ब्रेंट क्रूड चढ़कर 74 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर पहुंच गया है. इसका असर गुरुवार को शेयर बाजार पर भी देखने को मि‍ल सकता है. बाजार में लाल न‍िशान के साथ कारोबार की शुरुआत होने की उम्‍मीद है. इसके अलावा सोने की कीमत में और तेजी आने की उम्‍मीद है. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से क्रूड ऑयल के चढ़ने का असर देश में महंगाई बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है.

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