दिवाली-छठ में वेटिंग टिकट काटने से पहले जानिए ये दो बातें, यहीं होता है कन्फर्म टिकट का पूरा खेल!
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दिवाली-छठ में वेटिंग टिकट काटने से पहले जानिए ये दो बातें, यहीं होता है कन्फर्म टिकट का पूरा खेल!

Chhath Special Train: टिकट काउंटर के बाहर तत्काल टिकट के लिए लोगों की भीड़ लगी है. ऐसे में लोग कन्फर्म टिकट की उम्मीद में वेटिंग टिकट भी काट रहे हैं.

दिवाली-छठ में वेटिंग टिकट काटने से पहले जानिए ये दो बातें, यहीं होता है कन्फर्म टिकट का पूरा खेल!

IRCTC Train Ticket: त्योहारी सीजन यानी दिवाली-छठ के नजदीक आते ही भारतीय रेलवे में टिकटों की मांग आसमान छूने लगी है. टिकट काउंटर के बाहर तत्काल टिकट के लिए लोगों की भीड़ लगी है. ऐसे में लोग कन्फर्म टिकट की उम्मीद में वेटिंग टिकट भी काट रहे हैं. लेकिन आज हम दो ऐसे पॉइन्ट्स के बारे में बताएंगे जिससे आप समझ सकते हैं कि आपकी टिकट कन्फर्म होगी या नहीं.

दरअसल, वेटिंग टिकट ऐसी टिकट होती है जो कन्फर्म टिकट कैंसिलेशन की स्थिति में इन यात्रियों को RAC या कन्फर्म टिकट दी जाती है. रेलवे में टिकट बुक करते समय यात्रियों को दो ऑप्शन मिलता है. एक GNWL (General Waitlist) और दूसरी PQWL (Pooled Quota Waitlist). वहीं, तत्काल में तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट (TQWL) होती है.

GNWL सामान्य वेटलिस्ट होती है, जो किसी भी यात्री के लिए उपलब्ध होती है. यदि किसी ट्रेन में सभी बर्थ भरी होती हैं, तो यात्री GNWL के तहत टिकट बुक कर सकते हैं. वहीं, PQWL विशेष पूल के अंतर्गत आती है, जो किसी खास रुट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए होती है.

कन्फर्मेशन की संभावना किसमें ज्यादा

GNWL टिकटों की कन्फर्मेशन की संभावना आमतौर पर अधिक होती है. क्योंकि त्योहारों के दौरान अतिरिक्त बर्थ जारी की जाती हैं. वहीं, PQWL के तहत बुक किए गए टिकटों की कन्फर्मेशन दर कम होती है, क्योंकि यह केवल स्पेशल पूल में यात्रा कर रहे लोगों के लिए होती है.

TQWL की बात करें तो इस टिकट की कन्फर्म होने की संभावना सबसे कम होती है क्योंकि क्योंकि इसके लिए कोई अलग कोटा नहीं होता. इसलिए आपके लिए GNWL टिकट चुनना बेहतर साबित हो सकता है. क्योंकि इस टिकट की कन्फर्म होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

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