Riba Free Banking System: इस पड़ोसी देश में 0% पर म‍िलेगा लोन! नहीं देना होगा ब्‍याज, सरकार ने क‍िया बड़ा ऐलान
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Riba Free Banking System: इस पड़ोसी देश में 0% पर म‍िलेगा लोन! नहीं देना होगा ब्‍याज, सरकार ने क‍िया बड़ा ऐलान

State Bank of Pakistan: वित्त मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की मंजूरी और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर के परामर्श से मैं सरकार की तरफ से घोषणा कर रहा हूं कि एसबीपी और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट से अपनी अपील वापस लेंगे.

Riba Free Banking System: इस पड़ोसी देश में 0% पर म‍िलेगा लोन! नहीं देना होगा ब्‍याज, सरकार ने क‍िया बड़ा ऐलान

Pakistan Banking System: अगर आपको बैंक से सालाना 0 प्रत‍िशत (0%) पर लोन म‍िल जाए तो आप क्‍या कहेंगे. शायद यह आपके बड़ी खुशखबरी होगी. पड़ोसी मुल्‍क पाक‍िस्‍तान में जल्‍द ही यह व्‍यवस्‍था लागू की जा सकती है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने इस बारे में चर्चा करते हुए कहा क‍ि देश इस्लामिक कानून के तहत 2027 तक ब्याज मुक्त बैंक प्रणाली (Riba Free Banking System) की ओर बढ़ सकता है.

सरकार के इरादे से अवगत कराया
समाचार पत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री डार ने पांच साल में देश से ब्याज व्यवस्था खत्म करने के संघीय शरीयत अदालत (FSC) के अप्रैल के फैसले के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने के सरकार के इरादे से अवगत कराया. उसके बाद यह घोषणा की गई. संघीय शरीयत अदालत के अनुसार पाकिस्तान में मौजूदा ब्याज वाली बैंक व्यवस्था शरीयत कानून के तहत खिलाफ है.

इस्लामिक व्यवस्था लागू करने का पूरा प्रयास
अखबार ने वित्त मंत्री के हवाले से लिखा है, 'प्रधानमंत्री की मंजूरी और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर के परामर्श से मैं सरकार की तरफ से घोषणा कर रहा हूं कि एसबीपी और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय से अपने अपील वापस लेंगे. और हमारी सरकार जितनी जल्दी हो सके, देश में इस्लामिक व्यवस्था लागू करने का पूरा प्रयास करेगी.'

उन्होंने यह भी कहा कि संघीय शरीयत अदालत के फैसले को लागू करने में चुनौतियां होंगी और पूरी बैंकिंग प्रणाली और उसके कामकाज को एकदम से नई व्यवस्था में तब्दील नहीं किया जा सकता. लेकिन इन सबके बावजूद सरकार ने अगले कुछ दिन में अपील को वापस लेने का निर्णय किया है और पाकिस्तान अदालत द्वारा तय समयसीमा में ब्याज मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ने के लिये कदम उठाए जाएंगे. शरीयत अदालत ने यह फैसला 20 साल से लंबित मामले में सुनाया है. (भाषा)

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