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Salary Hike: कोरोना महामारी के 2 साल के संकट भरे समय के बाद अब हालात धीरे- धीरे ठीक हो रहे हैं. कॉरपोरेट सेक्टर भी अब अपने स्टाफ को इंक्रीमेंट देने की प्लानिंग में जुटा है. रिपोर्ट की मानें तो इस साल कंपनियां अपने स्टाफ को अच्छा इंक्रीमेंट दे सकती हैं.
कारोबारी सेक्टर में उछाल को देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार कंपनियां अपने स्टाफ को 9 प्रतिशत एवरेज हाइक दे सकती हैं. यह वर्ष 2019 में कोरोना महामारी शुरू होने से पहले दी गई 7 प्रतिशत एवरेज हाइक से 2 फीसदी ज्यादा है.
स्टार्टअप, न्यू एज कॉरपोरेशंस और यूनिकॉर्न में भी इस साल कर्मचारियों को बंपर सैलरी हाइक मिल सकती है. संभावना है कि उन्हें 12 प्रतिशत की एवरेज सैलरी हाइक मिल सकती है.
इंटरनेशल स्पेशलिस्ट रिक्रूटमेंट ग्रुप Michael Page India ने यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों में हाई परफॉर्मेंस वाले कर्मचारी इस साल 20-25 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा की सैलरी हाइक की उम्मीद कर सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री, प्रॉपर्टी- कंस्ट्रक्शन फील्ड में लगे कर्मचारियों को भी इस साल अच्छी सैलरी हाइक मिल सकती है. कंप्यूटर साइंस सेक्टर में सीनियर लेवल पर काम कर रहे प्रोफेशनल्स इस साल सबसे ज्यादा फायदे में रहने वाले हैं. उन्हें अपनी-अपनी कंपनियों में बढ़िया सैलरी हाइक मिल सकती है. इसकी वजह ये है कि भारत में ई-कॉमर्स का बिजनेस तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और सभी सेक्टर अपने कारोबार का डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन करने में लगे हैं.
Michael Page India के प्रबंध निदेशक अंकित अग्रवाल ने कहा, 'कुल मिलाकर इस बार कॉरपोरेट सेक्टर का मूड सकारात्मक है. एक सामान्य भावना है कि महामारी अब पीछे छूट रही है. हायरिंग मार्केट में भी बूम देखा जा रहा है. सभी कंपनियां एक-दूसरे के खिलाफ कंपीटिशन करके बेस्ट टैलंट को हायर करने में लगी हैं.'
उन्होंने बताया कि मार्केट में बढ़ रहे जॉब के चांस, टैलंट की हो रही कमी और कंपनियों में अच्छे कर्मचारियों को रिक्रूट करने की बढ़ रही इच्छा की वजह से सैलरी हाई हो रही है.
उन्होंने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमानित 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था के 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. खास करके मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर फील्ड में सबसे ज्यादा ग्रोथ होने की उम्मीद है.
डेटा वैज्ञानिक (विशेष रूप से मशीन लर्निंग से परिचित), वेब डेवलपर्स और क्लाउड आर्किटेक्ट उच्च मांग में होंगे, खासकर यदि उनके पास शीर्ष-रेटेड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री या मास्टर डिग्री है.
अगर जॉब सेक्टर की बात की जाए तो डेटा साइंटिस्ट, वेब डेवलपर्स और क्लाउड आर्किटेक्ट सबसे ज्यादा डिमांड में रहेंगे. जिन लोगों ने किसी टॉप रेटिड यूनिवर्सिटी से इन कोर्सेज की मास्टर या बैचलर डिग्री हासिल कर रखी है, उन्हें अच्छी सैलरी वाली जॉब मिलने के ज्यादा चांस होंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोफेशनल की तुलना में इस बार टेक्नोलॉजिस्ट को ज्यादा सैलरी हाइक मिलेगा. भले ही उनका एजुकेशनल क्वालिफिकेशन लेवल लगभग समान ही क्यों न हो.
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यही नहीं, कंपनियां अब अपने टॉप परफॉर्मर को रोके रखने के लिए क्वार्टरली या हाफ ईयरली इंक्रीमेंट सिस्टम शुरू करने पर भी विचार कर रही हैं. इनमें उन्हें साल के बीच में अप्रेजल साइकल, प्रमोशन, वेरिएबल पे-आउट्स, स्टॉक इंसेंटिव्स, बोनस या मिड टर्म इंक्रीमेंट शामिल होंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंप्लॉयर अब यह मानकर चल रहे हैं कि कोरोना महामारी अब लगभग खत्म हो गई है. साथ ही इस महामारी का अब मार्केट पर कोई विपरीत असर नहीं होने वाला. इसी सकारात्मक सोच के साथ वे अब भविष्य के लिए बिजनेस प्लान बनाने में लगी हैं.
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