Who Gives Rate To Hotel: फाइव स्टार होटल में आमतौर पर आपको लग्जरी सुविधाएं मिल जाती हैं और जब यह स्टार कम होने लगते हैं, तब सुविधाएं कम होने लगती हैं. आइए जानते हैं कि कैसे होटलों के लिए ये रेटिंग तय की जाती है.
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Hotel Rating Process: जब कभी आप कहीं घूमने जाते हैं तब होटल में रुकने के लिए कमरा लेते होंगे. इस दौरान होटल्स के बोर्ड पर आपने 5 स्टार, 3 स्टार और 4 स्टार बना हुआ जरूर देखा होगा. यह स्टार उस होटल की रेटिंग होती है. क्या आपने कभी सोचा है कि यह रेटिंग कैसे तय होती है. आज हम इसी के बारे में जानेंगे. इंडिया में 3 स्टार के ऊपर वाले होटल को अच्छा माना जाता है. 5 स्टार होटल में आमतौर पर आपको लग्जरी सुविधाएं मिल जाती हैं और जब यह स्टार कम होने लगते हैं, तब सुविधाएं कम होने लगती हैं.
आपको बता दें कि पर्यटन मंत्रालय के अधीन आने वाली एक कमेटी ही इन सभी होटल्स को रेटिंग देती है. इसे होटल एंड रेस्टोरेंट अप्रूवल एंड क्लासिफेक्शन कमेटी (Hotel and Restaurant Approval and Classification Committee) के नाम से जाना जाता है. यह कमेटी दो हिस्सों में काम करती है जिसमें से एक हिस्सा 3 स्टार वाले होटल्स को रेटिंग देता है. वहीं दूसरा हिस्सा 5 स्टार वाले होटल्स को रेटिंग देने का काम करता है.
भारत में मौजूद होटल्स को रेटिंग देने के लिए कई पैरामीटर सेट किए जाते हैं. जब कोई होटल रेटिंग के लिए अप्लाई करता है, तब यह कमेटी उनके यहां दौरा करती है. इसमें पब्लिक एरिया, लॉबी, रेस्टोरेंट, बार, शॉपिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल, रूम, बाथरूम की साइज और एसी की डिटेल देखी जाती है. इसके अलावा कमेटी द्वारा दिव्यांग लोगों के लिए खास सर्विस, बिजनेस सेंटर, हेल्थ क्लब, स्विमिंग पूल, पार्किंग को चेक किया जाता है. चेकिंग के दौरान फायर फाइटिंग मेजर्स और सिक्योरिटी का भी खास ख्याल रखा जाता है. आपको बता दें कि होटलों को 1 स्टार, 2 स्टार, 3 स्टार, 4 स्टार, 5 स्टार और 5 स्टार डिलक्स की रेटिंग दी जाती है. इसके अलावा एक हेरिटेज कैटेगरी भी होती है जैसे हेरिटेज ग्रांड, हेरिटेज क्लासिक, हेरिटेज बेसिक.